दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत को एक पत्र लिखकर बीजेपी की राजनीति पर गंभीर सवाल उठाए हैं। केजरीवाल ने कहा कि बीजेपी ने आरएसएस का कद छोटा कर दिया है। उन्होंने पूछा, “क्या बेटा अब इतना बड़ा हो गया है कि अपनी माँ को एटीट्यूड दिखा रहा है?”
केजरीवाल ने पत्र में यह भी स्पष्ट किया कि वह जानना चाहते हैं कि क्या आरएसएस भाजपा की उस राजनीति से सहमत है, जिसमें विपक्षी सरकारों को गिराने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल किया जाता है। उन्होंने कहा, “क्या आप राजनेताओं को भ्रष्ट कहने के बाद उन्हें अपने पाले में शामिल करने की भाजपा की नीति से सहमत हैं?”
केजरीवाल ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्य सरकारों को गिराने के लिए सीबीआई और ईडी जैसी एजेंसियों का दुरुपयोग कर रहे हैं। उन्होंने भागवत से पूछा कि क्या यह दृष्टिकोण “लोकतंत्र के लिए हानिकारक” नहीं है।
रविवार को जंतर-मंतर पर ‘जनता की अदालत’ में केजरीवाल ने भागवत से सीधा सवाल किया, “जब जेपी नड्डा ने कहा कि भाजपा को अब आरएसएस की जरूरत नहीं है, तो आपके दिल पर क्या गुजरी?”
केजरीवाल ने 75 वर्ष से अधिक उम्र के नेताओं के लिए भाजपा के सेवानिवृत्ति नियम की ओर भी इशारा किया। उन्होंने पूछा, “क्या यह नियम पीएम मोदी पर भी लागू होगा?”
यह पत्र बीजेपी और आरएसएस की आंतरिक राजनीति पर केजरीवाल के तीखे सवालों की झलक देता है, जो आने वाले समय में राजनीतिक चर्चाओं को और गरमाने का काम करेगा।