शंकराचार्य अधोक्षजानंद देव तीर्थ ने तिरुपति के लड्डू प्रसाद में मिलावट की निंदा की। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की घटनाएं लोगों की धार्मिक भावनाओं पर सीधा हमला हैं।
उन्होंने भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए मंदिरों का प्रशासन सरकारों के हाथ में न रखने की आवश्यकता बताई। इसके बजाय, एक अलग बोर्ड द्वारा मंदिरों का प्रबंधन होना चाहिए।
शंकराचार्य ने बुधवार को गोवर्धन में पत्रकारों से बातचीत के दौरान यह बात कही। वह असम के गुवाहाटी से चातुर्मास करने के बाद यहां पहुंचे थे। उनके आगमन पर आदि शंकराचार्य आश्रम में उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया।
उन्होंने स्पष्ट किया कि इस मामले में दोषियों को बख्शा नहीं जाना चाहिए। शंकराचार्य के अनुसार, ऐसे मामलों में कड़ी कार्रवाई जरूरी है ताकि भविष्य में पुनरावृत्ति न हो।
इस विवाद ने तिरुपति लड्डू प्रसाद की पवित्रता पर सवाल उठाए हैं। शंकराचार्य का यह बयान मंदिरों के प्रशासन और धार्मिक भावनाओं की सुरक्षा की दिशा में महत्वपूर्ण है।