नई दिल्ली (नेशनल थॉट्स) : भारत के महत्वाकांक्षी मून मिशन के तहत चंद्रयान-3 चंद्रमा के और करीब आ गया है। चंद्रयान-3 चांद की 153 किमी x 163 किमी की कक्षा में पहुंच गया है । यानी अब चंद्रमा की सतह से चंद्रयान-3 की दूरी करीब 150 किलोमीटर रह गई है। इसके साथ ही मिशन की कामयाबी का अंतिम चरण शुरू हो चुका है।
23 अगस्त को चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग की तैयारी
अब 17 अगस्त को प्रोपल्शन मॉड्यूल और लैंडर अलग होने को तैयार हैं। 23 अगस्त को चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग की तैयारी है।’ याद हो, इसरो ने 14 जुलाई को प्रक्षेपण के बाद से तीन सप्ताह में चंद्रयान-3 को चंद्रमा की पांच से अधिक कक्षाओं में चरणबद्ध तरीके से स्थापित करने में सफलता हासिल की है। 01 अगस्त को यान को पृथ्वी की कक्षा से चंद्रमा की ओर सफलतापूर्वक भेजा गया था।
तीन लाख किलोमीटर से ज्यादा की तय की दूरी
उल्लेखनीय है कि चंद्रयान-3 तीन लाख किलोमीटर से ज्यादा की दूरी तय करते हुए चाँद के करीब पहुंचा है और अब वह दिन दूर नहीं जब इसरो अंतरिक्ष में एक और इतिहास रच कर दुनिया में भारत का नाम रोशन करेगा।
चांद के दक्षिणी ध्रुव पर होगी लैंडिंग
चंद्रयान-3 23 अगस्त 2023 को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड करेगा। वैज्ञानिकों का दावा है कि वहां बर्फ जमी है और चंद्रयान-3 का मकसद वहां ऑक्सीजन और पानी की खोज है। यही मकसद लूना-25 का भी है, लेकिन रूस को यह अभियान करने में 40 साल लग गए। 47 साल बाद रूस ने अपना मून मिशन किया है, जबकि भारत ने चंद वर्षों में इसे सफलता तक पहुंचा दिया है। इसलिए चंद्रयान-3 मिशन अधिक महत्वाकांक्षी है।