नई दिल्ली (नेशनल थॉट्स) : पीएम मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने बुधवार को इसे मंजूरी प्रदान की और कैबिनेट ने योजना के लिए 13 हजार करोड़ रुपये भी मंजूर किए गए हैं। योजना के तहत 18 परंपरागत व्यवसायों में प्रमुख रूप से नौका निर्माता, लोहार, टूलकिट निर्माता, सुनार, कुम्हार, मूर्तिकार, चर्मकार, राजमिस्त्री, बुनकर, परंपरागत खिलौना निर्माता, नाई, धोबी, दर्जी और जाल निर्माता शामिल हैं। 17 सितंबर को विश्वकर्मा जयंती पर ‘पीएम विश्वकर्मा योजना’ लॉन्च की जाएगी।
विश्वकर्मा सर्टिफिकेट और आईडी दी जाएगी
योजना के तहत लाभार्थियों की पहचान की जाएगी। पीएम विश्वकर्मा सर्टिफिकेट और आईडी सामान्य सेवा केंद्रों के माध्यम से रजिस्ट्रेशन कर मुहैया कराए जाएंगे। उन्होंने बताया कि योजना के तहत इन कार्यों से जुड़े लोगों के कौशल विकास, बाजार पहुंच और आर्थिक सहयोग पर ध्यान दिया जा रहा है। उन्हें बेसिक और एडवांस ट्रेनिंग दी जाएगी। डिजिटल लेनदेन में प्रोत्साहन भी दिया जाएगा।
क्या होगा लाभ
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि आधुनिक आपाधापी में पीछे छूट गए गुरु-शिष्य परंपरा के तहत चले आ रहे इन व्यवसायों को सरकार मदद प्रदान करेगी। इसके तहत 30 लाख परिवारों के किसी एक व्यक्ति को योजना से जोड़ा जाएगा। योजना के तहत उन लोगों को 5 प्रतिशत की रियायती ब्याज दर के साथ 1 लाख रुपये (पहली किश्त) और 2 लाख रुपये (दूसरी किश्त) तक की ऋण सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। इसके अलावा कौशल विकास सामग्री खरीद में भी मदद दी जाएगी। पहले वर्ष में पांच लाख परिवारों को कवर किया जाएगा और वित्त वर्ष 2024 से वित्त वर्ष 2028 तक पांच वर्षों में कुल 30 लाख परिवारों को कवर किया जाएगा।