केंद्र सरकार की नवोन्मेषी रोजगार प्रोत्साहन योजना, आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना (एबीआरवाई) ने अपने प्रारंभिक रोजगार सृजन लक्ष्यों को पार कर लिया है, जो कोविड-19 महामारी के दौरान रोजगार सृजन और रिकवरी को बढ़ावा देने में इसकी सफलता को दर्शाता है।
1 अक्टूबर, 2020 से प्रभावी ढंग से लॉन्च किया गया एबीआरवाई को कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के साथ पंजीकृत प्रतिष्ठानों के नियोक्ताओं को वित्तीय सहायता प्रदान करके नई नौकरी के अवसरों के निर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए डिज़ाइन किया गया था। इस योजना का उद्देश्य 1000 कर्मचारियों वाले प्रतिष्ठानों के लिए कर्मचारी और नियोक्ता दोनों के योगदान (मजदूरी का 24 प्रतिशत) को कवर करके बेरोजगार व्यक्तियों के रोजगार को प्रोत्साहित करना है, जिनमें महामारी के कारण अपनी नौकरी खोने वाले लोग भी शामिल हैं। 1000 से अधिक कर्मचारियों वाले प्रतिष्ठानों के लिए, नए कर्मचारियों के संबंध में केवल कर्मचारी का ईपीएफ योगदान (वेतन का 12 प्रतिशत) कवर किया गया था।
यह योजना 31 मार्च, 2022 तक पंजीकरण के लिए खुली रही। योजना ने पूरे भारत में लगभग 7.18 मिलियन कर्मचारियों को लाभान्वित करने का लक्ष्य रखा था। 31 जुलाई, 2023 तक एबीआरवाई ने अपने प्रारंभिक रोजगार सृजन लक्ष्य को पार करते हुए 7.58 मिलियन से अधिक नए कर्मचारियों का नामांकन हासिल कर लिया है।
आज तक, कुल 1,52,380 प्रतिष्ठानों ने 60,44,155 नए कर्मचारियों को रोजगार दिया है और सभी पात्रता शर्तों को पूरा करने पर एबीआरवाई योजना के अंतर्गत 9,669.87 करोड़ रुपये की राशि का लाभ उठाया है।