You Must Grow
India Must Grow

NATIONAL THOUGHTS

A Web Portal Of Positive Journalism 

Acceptance and popularity of homeopathy as a medical system will increase: President Smt. Draupadi Murmu

चिकित्सा पद्धति के रूप में होम्योपैथी की स्वीकार्यता और लोकप्रियता बढ़ेगी: राष्ट्रिपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु

Share This Post

आज विश्व होम्योपैथी दिवस 2024 के अवसर पर यशोभूमि पारंपरिक केंद्र द्वारका, नई दिल्ली में आयोजित वैज्ञानिक सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा, “अनेक व्यक्ति जिनका उपचार के विभिन्न तरीकों से मोह भंग हो गया था, वे होम्योपैथी के चमत्कारों से लाभान्वित हुए हैं, लेकिन वैज्ञानिक समुदाय में ऐसे अनुभवों को केवल तभी स्वीकार किया जा सकता है जब अनुभवों को तथ्यों और विश्लेषण के साथ प्रस्तुत किया जाए। वैज्ञानिक गंभीरता को प्रोत्साहित करने से लोगों में इस उपचार पद्धति में विश्वास बढ़ेगा।”

राष्‍ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा, “वैज्ञानिक वैधता प्रामाणिकता का आधार बनती है और प्रामाणिकता के साथ स्वीकृति और लोकप्रियता दोनों में वृद्धि होगी। अनुसंधान को सशक्त बनाने तथा दक्षता बढ़ाने के आपके प्रयास होम्योपैथी को बढ़ावा देने में लाभकारी होंगे। इससे होम्योपैथी से जुड़े सभी लोगों को लाभ होगा, जिनमें डॉक्टर, मरीज, औषधि निर्माता और शोधकर्ता शामिल हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि होम्योपैथी शिक्षा प्रणाली में निरंतर सुधार इस पद्धति को युवा विद्यार्थियों के लिए और अधिक आकर्षक बनाएगा। होम्योपैथी के उज्ज्वल भविष्य के लिए युवाओं की व्‍यापक भागीदारी आवश्यक है। राष्ट्रपति ने इस विशाल कार्यक्रम के आयोजन और अन्य आयुष चिकित्सा पद्धतियों के साथ-साथ होम्योपैथी को प्रोत्‍साहित करने के लिए आयुष मंत्रालय को बधाई दी।

राष्ट्रपति ने आज विश्व होम्योपैथी दिवस के अवसर पर आयुष मंत्रालय के अंतर्गत स्वायत्त शीर्ष अनुसंधान संगठन केन्द्रीय होम्योपैथी अनुसंधान परिषद (सीसीआरएच) द्वारा आयोजित ‘अनुसंधान को सशक्तिकरण, प्रवीणता बढ़ाने’ विषय पर आयोजित दो दिवसीय वैज्ञानिक सम्मेलन की शोभा बढ़ाई।

आयुष मंत्रालय में सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने इस अवसर पर कहा, “होम्योपैथी में, अन्य चिकित्सा पद्धतियों और पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों के बीच एकीकरण की अपार संभावनाएं हैं। इन प्रणालियों को एकीकृत करने के प्रयास, जहां उपयुक्त हो, उन रोगियों को लाभान्वित करेंगे जो स्वास्थ्य सेवा के लिए व्यापक दृष्टिकोण चाहते हैं। होम्योपैथी के लिए एक सशक्‍त वैज्ञानिक आधार तैयार करने के लिए मजबूत शोध और नैदानिक परीक्षण महत्वपूर्ण हैं। सरकार होम्योपैथिक समुदाय के साथ काम करके गुणवत्ता नियंत्रण और रोगी सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। होम्योपैथी की सार्वजनिक सुलभता बढ़ाने और इसकी पहुंच बढ़ाने के लिए, हम प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों में इसके एकीकरण को सक्रिय रूप से बढ़ावा दे रहे हैं। हम सीसीआरएच तथा अन्य सहयोगियों जैसी सुविधाओं के माध्यम से होम्योपैथी में अनुसंधान को सक्रिय रूप से प्रोत्साहित कर रहे हैं और नैदानिक परीक्षणों तथा साक्ष्य-आधारित अध्ययनों के लिए संसाधनों का आवंटन कर रहे हैं।”

आयुष मंत्रालय के अंतर्गत सीसीआरएच के महानिदेशक डॉ. सुभाष कौशिक ने अपने स्वागत भाषण में वर्तमान युग में साक्ष्य आधारित अनुसंधान की आवश्यकता पर बल दिया, जिसके लिए यह महत्वपूर्ण है कि विभिन्न क्षेत्रों और विशिष्टताओं के वैज्ञानिक एक साथ आएं। उन्होंने एम्स, आईसीएमआर, अपोलो कैंसर अस्पताल, चेन्नई, जनकपुरी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, दिल्ली जैसे विभिन्न संगठनों के जाने-माने वैज्ञानिकों और डॉक्टरों को संगोष्ठी में भाग लेकर होम्योपैथी के लिए अपना समर्थन दिखाने के लिए धन्यवाद दिया।

उद्घाटन समारोह के बाद पद्म भूषण और पद्म श्री वैद्य देवेंद्र त्रिगुना जी और पद्मश्री डॉ. एचआर नागेंद्र जी की अध्यक्षता में ‘वर्ड्स ऑफ विजडम’ पर एक सत्र हुआ। इसमें होम्योपैथी क्षेत्र के पद्म पुरस्कार सम्‍मानित पद्मश्री डॉ. वी. के. गुप्ता, पद्मश्री डॉ. मुकेश बत्रा, पद्मश्री डॉ. कल्याण बनर्जी और पद्मश्री डॉ. आर. आर. पारीक ने अपने समृद्ध अनुभव साझा किए।

इस अवसर पर अन्य गणमान्य व्यक्तियों में राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग के अध्यक्ष डॉ. अनिल खुराना, आयुष वैज्ञानिक अध्यक्ष डॉ. संगीता ए. दुग्गल, सलाहकार (होम्योपैथी) आयुष मंत्रालय, बोर्ड ऑफ एथिक्स एंड रजिस्ट्रेशन फॉर होम्योपैथी, एनसीएच के अध्‍यक्ष डॉ. पिनाकिन एन त्रिवेदी, होम्योपैथी के लिए मेडिकल असेसमेंट एंड रेटिंग बोर्ड, एनसीएच के अध्‍यक्ष डॉ. जनार्दनन नायर, डॉ. होम्योपैथी शिक्षा बोर्ड, एनसीएच के अध्‍यक्ष डॉ. तारकेश्वर जैन,  डॉ. नंदिनी कुमार आयुष प्रतिष्ठित चेयर उपस्थित थे। समारोह में नीदरलैंड, स्पेन, कोलंबिया, कनाडा और बांग्लादेश के 8 प्रतिनिधियों की भागीदारी हुई। इसमें 17 सीसीआरएच प्रकाशन का लोकार्पण किया गया।

इसके बाद के सत्रों में होम्योपैथी को सशक्त बनाने तथा आधुनिक परिप्रेक्ष्य, चिकित्सकों के परिप्रेक्ष्य और अभ्यास को आगे बढ़ाने जैसे विषयों पर वार्ता और पैनल चर्चा शामिल होगी। इन सत्रों में एसएबी, सीसीआरएच के अध्यक्ष डॉ. वी. के. गुप्ता, आयुष मंत्रालय में संयुक्त सचिव श्री बी. के. सिंह, आयुष मंत्रालय की सलाहकार (होम्योपैथी) डॉ. संगीता ए. दुग्गल, आयुष विभाग के होम्योपैथिक अनुभागीय समिति के अध्यक्ष, भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) तथा सीसीआरएच के पूर्व महानिदेशक डॉ. राज के. मनचंदा, अटल इनोवेशन मिशन, नीति आयोगके मिशन निदेशक डॉ. चिंतन वैष्णव, एससीसीआर, सीसीआरएच के अध्‍यक्ष डॉ. एल के नंदा और अन्य प्रसिद्ध चिकित्सक अपने विचार व्‍यक्‍त करेंगे।

2 दिनों के वैज्ञानिक सम्मेलन में ट्रांसलेशनल रिसर्च, साक्ष्य आधार: अनुसंधान और अभ्यास अनुभव, महामारी तथा सार्वजनिक स्वास्थ्य, होम्योपैथिक दवा मानकीकरण और बुनियादी अनुसंधान, अंतःविषयी अनुसंधान, शिक्षा में सुधार और अनुसंधान, वैश्विक परिप्रेक्ष्य, होम्योपैथी में चुनौतियां- होम्योपैथिक पेशेवर संघों की भूमिका, पशु चिकित्सा होम्योपैथी, होम्योपैथिक औषधीय उत्पादों और सेवाओं में गुणवत्ता आश्वासन पर सत्र भी आयोजित किए जाएंगे।

इस सम्मेलन का उद्देश्य नैदानिक अभ्यास और स्वास्थ्य कार्यक्रमों में साक्ष्य-आधारित वैज्ञानिक उपचार को प्रोत्‍साहित करना, अनुसंधान-आधारित चिकित्सा विज्ञान में होम्योपैथिक समुदाय को सक्षम बनाना, व्यक्तिगत, सुरक्षित और विश्वसनीय स्वास्थ्य देखभाल के लिए आबादी की आवश्‍यकताओं को पूरा करने वाला हेल्थकेयर पावर हाउस बनना तथा बेहतर रोगी परिणामों के के लिए गुणवत्ता निदान, चिकित्सा विज्ञान और वैज्ञानिक उपकरणों के साथ होम्योपैथिक दवा को समृद्ध बनाना है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *