नई दिल्ली,(नेशनल थॉट्स ) – अहोई अष्टमी का व्रत संतान की सुरक्षा और सुखमय जीवन के लिए आदर्श माना जाता है। इस व्रत को माताएं विशेष रूप से मानती हैं, जिसमें निर्जला उपवास का आयोजन होता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, अहोई अष्टमी का व्रत कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर मनाया जाता है। अहोई अष्टमी का आयोजन करवा चौथ के बाद चार दिनों के बाद और दीपावली से 8 दिन पहले होता है।
इस साल, अहोई अष्टमी के दिन रविवार को पुष्य नक्षत्र सहित 4 शुभ योग बन रहे हैं, जिससे इस व्रत का महत्व और भी उच्च हो गया है। व्रती माताएं शाम को तारों की दर्शन के साथ व्रत का पारण करती हैं, जबकि कुछ स्थानों पर चंद्रमा पूजा के बाद पारण किया जाता है। काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से जानिए कि अहोई अष्टमी की सही तिथि क्या है और इस दिन चंद्रोदय का समय क्या है।
Ahoi Ashtami 2023 की सही तारीख क्या है?
वैदिक पंचांग के अनुसार, इस वर्ष कार्तिक कृष्ण अष्टमी तिथि का प्रारंभ 5 नवंबर को 00:59 एएम पर हो रहा है और यह तिथि 06 नवंबर को 03:18 एएम पर खत्म हो रही है. उदया तिथि और प्रदोष काल के आधार पर अहोई अष्टमी का व्रत 5 नवंबर दिन रविवार को रखा जाएगा.
वैदिक पंचांग के अनुसार, इस वर्ष कार्तिक कृष्ण अष्टमी तिथि का प्रारंभ 5 नवंबर को 00:59 एएम पर हो रहा है और यह तिथि 06 नवंबर को 03:18 एएम पर खत्म हो रही है. उदया तिथि और प्रदोष काल के आधार पर अहोई अष्टमी का व्रत 5 नवंबर दिन रविवार को रखा जाएगा.
रवि पुष्य समेत 4 शुभ योग में अहोई अष्टमी 2023
5 नवंबर को अहोई अष्टमी के दिन 4 शुभ योगों का निर्माण हो रहा है. उस दिन रवि पुष्य योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, शुभ योग और शुक्ल योग बन रहे हैं. रवि पुष्य योग सुबह 06 बजकर 36 मिनट से लेकर सुबह 10 बजकर 29 मिनट तक है.वहीं सर्वार्थ सिद्धि योग भी सुबह 06:36 बजे से सुबह 10:29 बजे तक है. अहोई अष्टमी को प्रात:काल से शुभ योग प्रारंभ है, जो दोपहर 01 बजकर 37 मिनट तक है. उसके बाद से शुक्ल योग प्रारंभ होगा. ये सभी योग मांगलिक कार्यों की दृष्टि से अत्यंत शुभ फलदायी माने जाते हैं. इसमें भी रवि पुष्य योग और सर्वार्थ सिद्धि योग श्रेष्ठ हैं.
5 नवंबर को अहोई अष्टमी के दिन 4 शुभ योगों का निर्माण हो रहा है. उस दिन रवि पुष्य योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, शुभ योग और शुक्ल योग बन रहे हैं. रवि पुष्य योग सुबह 06 बजकर 36 मिनट से लेकर सुबह 10 बजकर 29 मिनट तक है.वहीं सर्वार्थ सिद्धि योग भी सुबह 06:36 बजे से सुबह 10:29 बजे तक है. अहोई अष्टमी को प्रात:काल से शुभ योग प्रारंभ है, जो दोपहर 01 बजकर 37 मिनट तक है. उसके बाद से शुक्ल योग प्रारंभ होगा. ये सभी योग मांगलिक कार्यों की दृष्टि से अत्यंत शुभ फलदायी माने जाते हैं. इसमें भी रवि पुष्य योग और सर्वार्थ सिद्धि योग श्रेष्ठ हैं.
Ahoi Ashtami 2023 पूजा मुहूर्त
इस साल अहोई अष्टमी पर पूजा के लिए माताओं को 01 घंटा 18 मिनट का समय प्राप्त होगा, जिसमें अहोई माता की पूजा करनी है. पूजा का शुभ समय शाम 05 बजकर 33 मिनट से शाम 06 बजकर 52 मिनट तक है. उस दिन सूर्यास्त शाम 05:33 बजे होगा. सूर्यास्त के बाद से प्रदोष काल शुरू होता है, उसमें ही अहोई अष्टमी की पूजा करते हैं.
Ahoi Ashtami 2023 तारों को देखने का समय
अहोई अष्टमी के दिन व्रती महिलाओं के लिए तारों को देखने का समय शाम 05 बजकर 58 मिनट से शुरू होगा. इस समय से आप तारों को देखकर अपना व्रत खोल सकती हैं.
अहोई अष्टमी के दिन व्रती महिलाओं के लिए तारों को देखने का समय शाम 05 बजकर 58 मिनट से शुरू होगा. इस समय से आप तारों को देखकर अपना व्रत खोल सकती हैं.
Ahoi Ashtami 2023 चंद्रोदय समय
अहोई अष्टमी के दिन चंद्रोदय देर रात 12 बजकर 02 मिनट पर होगा. कृष्ण पक्ष में चंद्रोदय काफी देर से होता है. जो माताएं चंद्रमा को देखकर व्रत खोलती हैं, उनको काफी लंबा इंतजार करना होगा.