राजनीति में कैमरों का प्रेम कोई नई बात नहीं है, लेकिन उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद के मेयर और बीजेपी नेता विनोद अग्रवाल ने इसे एक नया मोड़ दे दिया है। वे अब सोशल मीडिया पर ट्रोल हो रहे हैं, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन (17 सितंबर) पर आयोजित रक्तदान शिविर में उनका फर्जी रक्तदान करने का वीडियो वायरल हुआ।
इस शिविर के दौरान विनोद अग्रवाल ने एक वीडियो शूट किया, जिसमें वे रक्तदान करते दिख रहे हैं। लेकिन असल में, उन्होंने रक्तदान नहीं किया। वीडियो में यह भी दिखाया गया कि स्वास्थ्यकर्मी उन्हें फर्जी रक्तदान से रोकने के लिए संघर्ष कर रहे थे। इस वीडियो के वायरल होने के बाद उन्हें सोशल मीडिया पर आलोचना का सामना करना पड़ा।
विनोद अग्रवाल ने वीडियो के वायरल होने के बाद सफाई देते हुए कहा कि विपक्ष ने उन्हें बदनाम करने की साजिश की है। उन्होंने कहा, “मैं वहां रक्तदान करने गया था, लेकिन डॉक्टर ने मधुमेह के कारण मुझे रक्तदान न करने की सलाह दी।” मेयर ने बताया कि 17 सितंबर को भाजपा की युवा शाखा द्वारा रक्तदान शिविर आयोजित किया गया था, जहां उन्होंने रक्तदान की इच्छा जताई थी।
डॉ. संगीता गुप्ता, मुख्य अधीक्षक, जिला अस्पताल मुरादाबाद ने बताया कि रक्तदान के लिए कुछ प्रोटोकॉल होते हैं। 18 से 55 वर्ष के बीच का कोई स्वस्थ व्यक्ति ही रक्तदान कर सकता है। उन्होंने कहा, “रक्तदान करने वाले व्यक्ति के रक्त की कई जांच की जाती हैं ताकि संक्रमित रक्त किसी और को न चढ़ सके।”
यह मामला एक बार फिर साबित करता है कि राजनीति में प्रचार का एक नया तरीका अपनाया जा रहा है, जो कभी-कभी विवाद का कारण बन जाता है।