केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), राज्यमंत्री प्रधानमंत्री कार्यालय, परमाणु ऊर्जा विभाग, अंतरिक्ष विभाग, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज यहां एक समाचार एजेंसी को दिए एक विशेष साक्षात्कार में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संयुक्त राष्ट्र अमेरिका के हाल ही के राजकीय दौरे को महत्वपूर्ण अंतरिक्ष संबंधित समझौतों के रूप में चिन्हित किया गया था, जो यह दर्शाता है कि जिन देशों ने भारत से बहुत पहले अपनी अंतरिक्ष यात्रा शुरू की थी, वे आज भारत को एक समान सहयोगी के रूप में देख रहे हैं।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि चंद्रयान-3, चंद्रयान-2 का अनुवर्ती मिशन है और इसका उद्देश्य चंद्रमा अथवा चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग और रोविंग में भारत की क्षमता का प्रदर्शन करना है। उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष यान को चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश करने के लिए आवश्यक जटिल मिशन प्रोफ़ाइल को बहुत सटीक तरीके से क्रियान्वित किया गया है।
चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के बाद छह पहियों वाला रोवर बाहर आएगा और चंद्रमा पर 14 दिनों तक कार्य कर सकेगा। उन्होंने कहा कि रोवर पर कई कैमरों के सहयोग से हम तस्वीरें प्राप्त कर सकेंगे।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि चंद्रयान-3 के लैंडर और रोवर मॉड्यूल भी पेलोड के साथ कार्य रूप में हैं, जो वैज्ञानिक समुदाय को चंद्र मिट्टी और चट्टानों के रासायनिक व मौलिक संरचना सहित विभिन्न गुणों पर डेटा प्रदान करेगा।