नई दिल्ली(नेशनल थॉट्स)- ईपीएस(EPS)-95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति, जो औद्योगिक/सार्वजनिक/सहकारी/निजी क्षेत्रों के सेवानिवृत्त कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करती है। जिन्हें ईपीएस-95 पेंशन भोगी के रूप में जाना जाता है, जिन्होंने राष्ट्र के विकास के लिए अपनी सेवा समर्पित की थी लेकिन उन्हें बेहद कम पेंशन राशि के कारण गंभीर परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है। ये पेंशनभोगी बहुत ही कम पेंशन के कारण संकटपूर्ण परिस्थितियों में जी रहे हैं। लगभग 200 बुजुर्ग पेंशन भोगी हैं जो इस उम्र में भी जायज मांगों की लड़ाई लड़ रहे हैं।
महंगाई के दौर में ईपीएस-95 पेंशन भोगी को मिलते हैं 1170/- रुपये
भारत सरकार ने जनता के कल्याण के लिए कई पेंशन योजनाएं लागू की हैं लेकिन इन ईपीएस कर्मचारियों को उनकी पूरी सेवा के दौरान पेंशन फंड में योगदान करने के बाद केवल नाममात्र की पेंशन राशि मिल रही है। यह राशि, जो वर्तमान में 1170/- रुपये निर्धारित है, बुजुर्ग पेंशन भोगियों की बुनियादी जरूरतों को भी पूरा नहीं कर पा रही है।
भूख हड़ताल की घोषणा
एनएसी संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमांडर अशोक राउत और केंद्रीय कार्यकारिणी समिति के सदस्यों ने जंतर-मंतर पर भूख हड़ताल करने की घोषणा की है। संगठन का निर्णय है कि वो 20 जुलाई से समर्थन जुटाने के लिए देश भर के पेंशनभोगी उसी दिन प्रमुख स्थानों पर भूख हड़ताल भी बात करेंगे।
क्या है ईपीएस-95 पेंशन भोगियों की मांग
पेंशन भोगी अपनी मांगों को लेकर राष्ट्रीय संघर्ष समिति के बैनर तले बीते 7 वर्षों से संघर्ष कर रही है । मांग है कि न्यूनतम पेंशन राशि को बढ़ाकर 7500/- रुपये किया जाए। सभी ईपीएस-95 पेंशन भोगियों और उनके जीवन साथियों को मुफ्त चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करें। ऐसे सेवानिवृत्त कर्मचारी जो ईपीएस-95 योजना में नामांकित नहीं थे, उन्हें सदस्य बनाकर शामिल करें या उन्हें 5000/- रुपये प्रति माह की पेंशन प्रदान करें। अन्य कई मांग भी जो मांग पत्र में उल्लिखित हैं।