नई दिल्ली(नेशनल थॉट्स)- जब भी कोई प्राकृतिक आपदा महामारी, बाढ़, तूफान आते हैं तो उसके बाद जनता को सामान्य जीवन में लौटने के लिए तमाम चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इसी प्रकार दिल्ली में आई बाढ़ के बाद लोगों को सामान्य जीवन में आने के लिए कई प्रकार की परेशानियों से जूझना पड़ेगा। बाढ़ के बाद हवा में टॉक्सिन की मात्रा बढ़ जाती है, जो लोगों को बीमार करती है।
बाढ़ या तेज बारिश के बाद हवा में फैलते हैं कीटाणु
डॉक्टरों का कहना है कि जब भी बाढ़ या तेज बारिश होती है उसके बाद हवा में कीटाणु फैल जाते हैं, कीटाणु पानी में मिक्स हो जाते हैं, जिससे सांस संबंधित और पेट से संबंधित बीमारियों का खतरा काफी बढ़ जाता है। यही नहीं, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में नमी होने की वजह से फंगल इंफेक्शन का भी खतरा होता है।
जिनकी इम्यूनिटी कम उसको इन्फेक्शन का खतरा अधिक
जहां पर बाढ़ आती है, पानी कई दिनों तक जमा रहता है, वहां पर नमी बन जाती है। इसकी वजह से फंगस बन जाता है। इससे होने वाले इन्फेक्शन को मोल्ड इन्फेक्शन भी कहा जाता है। यह खासकर बच्चों और बुजुर्गों में ज्यादा होता है। यानी जिनकी इम्यूनिटी कम होती है, उसे जल्दी अपना शिकार बनाता है।