नई दिल्ली, (नेशनल थॉट्स )- इन दिनों होम्योपैथिक चिकित्सा में लोगों का विश्वास बढ़ रहा है और इससे बेहतर परिणाम हासिल हो रहे हैं। आगरा में आयोजित होने वाला यह 9वां राष्ट्रीय सम्मेलन था जिसमें देश के विभिन्न राज्यों व क्षेत्रों में होम्योपैथिक चिकित्सा करने वाले देश के वरिष्ठ व नौजवान चिकित्सकों ने एक साथ भारी संख्या में उपस्थिति दर्ज कराई।
सम्मेलन में आए विभिन्न डॉक्टर ने होम्योपैथी के इलाज से होने वाले परिणामों पर प्रकाश डाला और अपने द्वारा किए गए संभव इलाज को मंच पर साझा किया। सम्मेलन के दौरान विशेष चर्चा रही एचएमएआई की दिल्ली राज्य शाखा के अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. ए.के.गुप्ता द्वारा प्रस्तुत एक अद्भुत मामले की, जिसने सभी का ध्यान आकर्षित किया।
यह एक 18 वर्षीय युवक का मामला था वह ALS/MND से पीड़ित थे और कैसे वह पूरी तरह ठीक हो गए। होम्योपैथी न्यूरोलॉजिकल रोगों से निपटने के दौरान बहुत प्रभावी उपचार प्रदान करती है, प्रोफेसर डॉ.ए.के.गुप्ता ने कहा एएलएस/एमएनडी एक तेजी से बढ़ने वाली अपक्षयी न्यूरोलॉजिकल बीमारी है जहां निदान ही मौत की सजा के समान है।क्या है मोटर न्यूरॉन रोग –
मोटर न्यूरॉन रोग (एमएनडी) जिसे आमतौर पर एएलएस (एमियोट्रोफिक लेटरल स्क्लेरोसिस) के रूप में भी जाना जाता है, मोटर न्यूरॉन का एक असामान्य अपक्षयी विकार है जो कपाल और कंकाल की मांसपेशियों के प्रगतिशील पक्षाघात की ओर ले जाता है। पहले लक्षणों में लड़खड़ाना, कमजोर पकड़, कर्कश आवाज, ऐंठन या मांसपेशियों का कमजोर होना शामिल हो सकते हैं। यह स्थिति लाइलाज माना जाता है और निदान के कुछ वर्षों के भीतर, आमतौर पर 1-3 वर्षों में मृत्यु हो जाती है।
मृत्यु आमतौर पर श्वसन की मांसपेशियों की कमजोरी और वेंटिलेटरी विफलता के कारण होती है।
एमएनडी के लगभग 90% मामले “छिटपुट” होते हैं। इसे एक लाइलाज बीमारी माना जाता है जिसके लिए आधुनिक
चिकित्सा विज्ञान के पास ज्यादा कुछ नहीं है। ALS/MND के मामलों के प्रबंधन में डॉ.ए.के.गुप्ता ने कहा कि एमएनडी के 600 से अधिक मामलों का इलाज हमारे मेडिकल सेंटर में बहुत उत्साहजनक परिणामों के साथ किया गया है।इस मौके पर डॉ.ए.के.गुप्ता ने बहुत ज़ोर देकर अपील की कि डॉक्टरों, न्यूरोलॉजिस्टों और अस्पतालों को यह कहने से बचना चाहिए कि यह लाइलाज संभव नहीं और कुछ नहीं किया जा सकता है और इसका कोई इलाज या आशा नहीं है और मरीज के पास बहुत सीमित समय है या वह मरीज जल्द ही मरने वाला है ।