You Must Grow
India Must Grow

NATIONAL THOUGHTS

A Web Portal Of Positive Journalism 

Mauni Amavasya 2024: आइये जानते है, कब है मौनी अमावस्या तिथि और पौराणिक मान्यताओं के अनुसार महत्व

Share This Post

नई दिल्ली (नेशनल थॉट्स) : संगम नगरी प्रयागराज में 15 जनवरी से माघ मेला शुरू हो गया है. माघ मेले में साधु-संत और गृहस्थ लोग कल्पवास करते हैं और धार्मिक कार्य करते हैं। कल्पवास साधक को मन और इंद्रियों पर नियंत्रण रखने की शक्ति देता है। संगम पर स्नान करने से आरोग्य की प्राप्ति होती है। 
 

माघ मेले में पहला स्नान 15 जनवरी 2024 मकर संक्रांति को हुआ था. और तीसरा स्नान मौनी अमावस्या के दिन होगा.मौनी अमावस्या का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। हिन्दू पंचांग के अनुसार माघ मास के कृष्ण पक्ष में आने वाली अमावस्या को मौनी अमावस्या या माघ अमावस्या कहा जाता है। इस दिन गंगा, यमुना या अन्य पवित्र नदियों, जलाशय या तालाब में स्नान करना चाहिए।

आइए जानते हैं साल 2024 में माघ अमावस्या कब है
मौनी अमावस्या 9 फरवरी को सुबह 08:02 बजे से 10 फरवरी को सुबह 04:28 बजे तक है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, मौनी अमावस्या के दिन ऋषि मनु का जन्म हुआ था। मौनी शब्द मनु शब्द से बना है, इसलिए कहा जाता है कि इस दिन मौन व्रत रखने से मुनि पद की प्राप्ति होती है। इस तिथि पर मौन रहकर साधुओं जैसा आचरण करना चाहिए और स्नान करना चाहिए। यही कारण है कि माघ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मौनी अमावस्या कहा जाता है।

मौनी अमावस्या का महत्व
मौनी अमावस्या सभी अमावस्या तिथियों में सर्वश्रेष्ठ मानी जाती है। शास्त्रों में मौनी अमावस्या के दिन प्रयागराज के संगम में स्नान का विशेष महत्व बताया गया है। इस दिन यहां देवताओं और पितरों का संगम होता है। शास्त्रों के अनुसार माघ माह में देवतागण प्रयागराज आकर संगम में अदृश्य स्नान करते हैं। इस दिन पितृ लोक से पितर संगम में स्नान करने आते हैं। इस प्रकार इस दिन देवताओं और पितरों का संगम होता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *