नई दिल्ली (नेशनल थॉट्स) : इस्पात मंत्रालय ने इस्पात क्षेत्र में कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने पर चर्चा, विचार-विमर्श और संस्तुति देने के लिए उद्योग, शिक्षा जगत, थिंक टैंक, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थाओं, विभिन्न मंत्रालयों और अन्य हितधारकों की भागीदारी के साथ 13 कार्यबलों का गठन किया है। कौशल विकास पर कार्यबल का गठन, हरित इस्पात के उत्पादन के लिए कार्यबल के स्किलिंग, अप-स्किलिंग और री-स्किलिंग पर चर्चा करने के लिए किया गया है, जिससे इस्पात क्षेत्र में आवश्यक परिवर्तन सुनिश्चित हो सके।भारत सरकार ने स्क्रैप/पुनर्चक्रित इस्पात के माध्यम से इस्पात की उच्च गुणवत्ता को बढ़ावा देने और इस्पात उत्पादकों द्वारा इसका पालन सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए हैं:
(1) घटक सामग्री की परवाह किए बगैर, बड़े पैमाने पर जनता के लिए गुणवत्तापूर्ण उत्पाद सुनिश्चित करने के लिए, इस्पात मंत्रालय ने गुणवत्ता नियंत्रण आदेश (क्यूसीओ) के दायरे में 145 इस्पात और इस्पात उत्पादों के भारतीय मानकों को अधिसूचित किया है ।
(2) इस्पात स्क्रैप पुनर्चक्रित नीति, 2019 , इस्पात बनाने में कोयले की खपत को कम करने के लिए घरेलू स्तर पर उत्पन्न स्क्रैप की उपलब्धता को बढ़ाती है ।
( 3) मोटर वाहन (वाहन स्क्रैपिंग सुविधा का पंजीकरण और कार्य) नियम , दिनांक 23 सितंबर 2021, इस्पात क्षेत्र में स्क्रैप की उपलब्धता में वृद्धि करेगा।
(4) इस्पात क्षेत्र ने आधुनिकीकरण और विस्तार परियोजनाओं में विश्व स्तर पर उपलब्ध सर्वोत्तम प्रौद्योगिकियों (बीएटी) को अपनाया है।
यह जानकारी केंद्रीय इस्पात राज्य मंत्री श्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।