शाम के वक्त दो बौद्ध भिक्षुक आश्रम को लौट रहे थे। अभी-अभी बारिश हुई थी और सड़क पर जगह जगह पानी लगा हुआ था। चलते चलते उन्होंने देखा की एक खूबसूरत नवयुवती सड़क पार करने की कोशिश कर रही है पर पानी अधिक होने की वजह से ऐसा नहीं कर पा रही है। दोनों में से बड़ा बौद्ध भिक्षुक युवती के पास गया और उसे उठा कर सड़क की दूसरी और ले आया। इसके बाद वह अपने साथी के साथ आश्रम को चल दिया।
शाम को छोटा बौद्ध भिक्षुक बड़े वाले भिक्षुक के पास पहुंचा और बोला-भाई , भिक्षुक होने के नाते हम किसी औरत को नहीं छू सकते ? हाँ , बड़े ने उत्तर दिया। तब छोटे ने पुनः पूछा ,लेकिन आपने तो उस नवयुवती को अपनी गोद में उठाया था ? यह सुन बड़ा बौद्ध भिक्षुक मुस्कुराते हुए बोला,मैंने तो उसे सड़क की दूसरी और छोड़ दिया था , पर तुम अभी भी उसे उठाये हुए हो।
सीख – जीवन में काम आने वाली बातों को हमेशा याद रखे और फिजूल की बातों को जहां सुने देखे वही छोड़ आने में ही भलाई होती है।