नेशनल टेली मेडीसिन हेल्थ प्रोग्राम (टेली मेंटल हेल्थ असिस्टेंस एंड नेटवर्किंग अक्रॉस स्टेट्सः टेली-मानस – ‘जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम’ का डिजिटल प्रारूप) की शुरूआत सरकार ने अक्टूबर 2022 में की थी, ताकि देश में मानसिक स्वास्थ्य सेवा की उपलब्धता को मजबूत किया जा सके। अब यह पहल एक अहम पड़ाव पर पहुंच चुकी है।
टोल-फ्री सेवा को इस कार्यक्रम की शुरूआत के बाद से अब तक देश के विभिन्न हिस्सों से दो लाख से अधिक कॉल्स मिली हैं। इससे पता चलता है कि इसके काम में निरंतर प्रगति हो रही है। तीन माह के मामूली से अंतराल में कॉल्स करने की संख्या में बेहद बढ़ोतरी दर्ज की गई। इस दौरान कॉल्स की संख्या एक लाख (अप्रैल 2023 में) से बढ़कर दो लाख जा पहुंची।
इस उपलब्धि के लिये केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने एक ट्वीट के जरिये देशवासियों को बधाई दी है।
टेली-मानस पहल की घोषणा केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने केंद्रीय बजट 2022-23 में की थी। घोषणा करते वक्त देश में मानसिक स्वास्थ्य संकट को ध्यान में रखा गया था। यह लोगों को सक्षम बनाने की एक अनोखी पहल है, ताकि वे अपने मानसिक स्वास्थ्य सम्बंधी मुद्दों पर सहायता प्राप्त कर सकें। इस दौरान फोन करने वालों की पहचान पूरी तरह गुप्त रखी जाती है। इसलिये आमतौर पर मानसिक स्वास्थ्य मुद्दों को जिस हेय दृष्टि से देखा जाता है, पहचान गुप्त होने के कारण उससे बचाव हो जाता है।
नेशनल टेली मेडीसिन हेल्थ प्रोग्राम ऑफ इंडिया क्षमता निर्माण पहलों के जरिये देश में मानसिक स्वास्थ्य कार्यबल तैयार करने पर ध्यान दे रहा है। साथ ही वह यह भी सुनिश्चित कर रहा है कि मानसिक स्वास्थ्य सेवायें हर घर और हर व्यक्ति तक निशुल्क पहुंचें।
इसके तहत समाज के सबसे ज्यादा संवेदनशील और बिना पहुंच वाले लोगों तक पहुंच बनानी है। ये ऐसे लोग हैं, जिन तक अगर पहुंच नहीं बनाई गई, तो उनकी देखभाल नहीं की जा सकेगी। टेली-मानस छह महीनों में एक लाख के अहम पड़ाव तक पहुंच गई है, और इस तरह वह देशभर में एक बेहतरीन डिजिटल मानसिक स्वास्थ्य प्रणाली बनाने के लक्ष्य के नये मोड़ पर आ गई है।
टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबरः 14416 या 1-800-891-4416 कई भाषाओं में है और इसके माध्यम से फोन करने वाले अपनी पसंद की भाषा चुनकर सेवायें ले सकते हैं।