एक बार एक लड़का था जिसे बहुत ज्यादा गुस्सा आता था । एक दिन उसके पिता ने उससे कहा, “जब भी तुम्हें गुस्सा आये तुम एक कील उस लकड़ी की दीवार में गाड़ देना !” शुरू शुरू में लड़के ने बहुत सारे कीले दीवार में गाड़ डाली
लेकिन फिर वक़्त के साथ साथ लड़के का गुस्सा कम हो गया और उसने कीले गाड़ना बहुत कम कर दिया । इसके कुछ दिन बाद उसके पिता ने फिरसे उससे कहा, “अब तुम इन सब कीलो को बाहर निकालों”
पिता के कहने पर उसने धीरे धीरे सारी कीले निकाल दी । कीले निकलने जाने के बाद पिता ने उसे लकड़ी की दीवार दिखाते हुए समझाया कि, “बेटा गुस्से में कहीं जाने वाली बातें इन कीलो के छेद की तरह होती है जो लोगों के दिलों पर पड़ जाते हैं
जिन्हें आप कभी भी भर नहीं सकते इसलिए कभी भी गुस्से को अपने ऊपर हावी मत होने देना । गुस्से में कही गई बातों को आप कभी भी वापस नहीं ले सकते । यह बातें इंसान के दिल पर लग चुकी होती है इसलिए अपने गुस्से को क़ाबू करना सीखो ।