एक बच्चा अपने पिता से पूछता है. पापा आखिर महान शब्द का मतलब क्या होता है मैने बहुत जगह पढा है की वो व्यक्ति महान था उसने ये किया,उसने वो किया.आप मुझे समझाओ महान लोग कौन होते है.और वे महान कैसे बनते है.!
पिता ने कहा ठीक है- पिता ने बेटे को महान शब्द का अर्थ समझाने की एक तरकीब सोची-उन्होंने बेटे से कहा चलो 2 पौधे लेकर आते है एक को घर के अंदर लगा देते है और दूसरे को घर के बाहर.पौधे लगाने के बाद पिता कहते है बेटा तुम्हें क्या लगता है इन दोनों पौधों में से कौन सा पौधा बड़ा होगा और सुरक्षित रहेगा?
बेटे ने कहा- पिता जी ये भी कोई पुछने वाली बात है जो पौधा हमारे घर के अंदर है वो सुरक्षित है वो बड़ा होगा लेकिन बाहर वाला पौधा बिल्कुल सुरक्षित नहीं है उसे बहुत सारे मौसम झेलने होंगे.उसे कोई जानवर भी खा सकता है.पिता जी शांत रहे और उन्होंने कहा बेटा इसका जवाब मैं वक्त आने पर दूंगा.
बेटा पढ़ाई करने 4 सालों के लिए बाहर चला जाता है और जब वापस आता है तो घर के अंदर के पौधे को देख कर कहता है पापा मैंने कहा था ना इस पौधे को कुछ नहीं होगा ये सुरक्षित रहेगा.पिता मुस्कुराए और उन्होंने कहा बेटा जरा बाहर जाकर उस दूसरे पौधे को देखकर आओ
बेटा जब बाहर जाकर देखता है तो एक बहुत बड़ा पेड़ वहां पर होता है बेटे को यकीन नहीं हो रहा होता कि आखिर वो इतना बड़ा कैसे बन गया जबकि घर के अंदर का पौधा तो इससे 100 गुना छोटा है,
पिता बेटे को समझाते है बेटा ये पौधा इतना बड़ा पेड़ इसलिये बन पाया क्योंकि इसने हर मौसम का सामना किया, हज़ारों मुश्किल का सामना किया. लेकिन अंदर का पौधा सुरक्षित होने की वजह से न उसने कोई मौसम का सामना किया, ना उसे ठीक तरह से धूप मिली और वो बड़ा नहीं बन पाया.बेटा याद रखना इस पेड़ की तरह दुनिया मे वहीं व्यक्ति महान बन सकता है जिसने हज़ारों मुश्किलों का सामना किया हो.और जो अंदर के पेड़ की तरह जीवन भर सुरक्षित रहने की सोचेगा वो कभी महान नहीं बन पाएगा.
सार- दोस्तों आप कोई काम मे फेल हो जाते हो दुःखी हो जाते हो.पढ़ाई में कम नंबर आ जाते है या फैल हो जाते हो तो दुःखी हो जाते हो. अगर आप बीच मे हार मान लोगे तो घर के अंदर के पेड़ की तरह आप भी अपने जीवन मे बड़े नहीं बन पाओगे.महान लोग महान बनने से पहले बहुत बार फैल हुए है उसके बाद ही वे महान बन पाएं हैं. अगर आप फेल होने के बाद भी अपने काम के अड़े रहते हैं यो समझ जाओ आपको महान बनने से कोई नहीं रोक सकता.
एक बात खुद से कह दीजिये- भले ही मेरे रास्ते मे कितनी भी मुश्किलें क्यों न आये,भले मैं टूट कर बिखर ही क्यों न जाऊं लेकिन मैं अपनी मंज़िल को पा कर ही रहूँगा इसके लिए चाहे मुझे कोई भी कीमत क्यों न चुकानी पड़े. जाइये एक नई शुरुआत कीजिए आज से ही।