You Must Grow
India Must Grow

NATIONAL THOUGHTS

A Web Portal Of Positive Journalism 

Motivational Story : कौवा और दुष्ट सांप

Share This Post

एक बार की बात है। एक जंगल में किसी पेड़ पर कौवे का एक जोड़ा रहा करता था। वो दोनों खुशी-खुशी उस पेड़ पर जीवन बसर कर रहे थे। एक दिन उनकी इस खुशी को एक सांप की नजर लग गई। जिस पेड़ पर कौवा का घोंसला था, उसी पेड़ के नीचे बने बिल में सांप रहने लगा था। जब भी कौवों का जोड़ा दाना चुगने के लिए जाता, सांप उसके अंडों को खा जाता था और जब वो वापस आते, तो उन्हें घोंसला खाली मिलता था, लेकिन उन्हें पता नहीं चल पा रहा था कि अंडे कौन ले जाता है।

इस प्रकार से कई दिन निकल गए। एक दिन कौवे का जोड़ा दाना चुग कर जल्दी आ गया, तो उन्होंने देखा की उनके अंडों को बिल में रहने वाला एक सांप खा रहा है। इसके बाद उन्होंने पेड़ पर किसी ऊंचे स्थान पर छुपकर अपना घोंसला बना लिया। सांप ने देखा कि कौवों का जोड़ा पहले वाले स्थान को छोड़कर चला गया है, लेकिन शाम होते ही दोनों वापस पेड़ पर आ जाते हैं।

इस प्रकार कई दिन निकल गए। कौवा के अंडों में से बच्चे निकल आए और वो बड़े होने लगे। एक दिन सांप को उनके नए घोंसले का पता चल गया और वह कौवों के जाने का इंतजार करने लगा। जैसे कौवे घोंसला छोड़ कर गए, सांप उनके घोंसले की ओर बढ़ने लगा, लेकिन किसी कारण से कौवों का जोड़ा वापस पेड़ की ओर लौटने लगा। उन्होंने दूर से ही सांप को उनके घोंसले की ओर जाता देख लिया और जल्दी से वहां पहुंच कर अपने बच्चों को पेड़ की ओट में छिपा दिया।

सांप ने देखा की घोंसला खाली है, तो वह कौवों की चाल समझ गया और वापस बिल में जाकर सही मौके का इंतजार करने लगा। इसी बीच कौवे ने सांप से पीछा छुड़ाने के लिए एक योजना बनाई। कौवा उड़कर जंगल के बाहर बने एक राज्य में चला गया। वहां एक सुंदर महल था। महल में राजकुमारी अपनी सहेलियों के साथ खेल रही थी। कौवा उसके गले में से मोतियों का हार लेकर उड़ गया। सभी ने शोर मचाया, तो पहरेदार हार लेने के लिए कौवे का पीछा करने लगे।

कौवे ने जंगल में पहुंचकर हारा को सांप के बिल में डाल दिया, जिसे पीछे कर रहे सैनिकों ने देख लिया। जैसे ही सैनिकों ने हार निकालने के लिए बिल में हाथ डाला, तो सांप फुफकारता हुआ बाहर निकल आया। सांप को देखकर सैनिकों ने तलवार से उस पर हमला कर दिया, जिससे सांप घायल हो गया और अपनी जान बचाकर वहां से भाग गया। सांप के जाने के बाद कौवा अपने परिवार के साथ खुशी-खुशी रहने लगा।

कहानी से सीख

हमें इस कहानी से यह सीख मिलती है कि कभी भी निर्बल का फायदा नहीं उठाना चाहिए। साथ ही मुसीबत में समझदारी से काम लेना चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *