You Must Grow
India Must Grow

NATIONAL THOUGHTS

A Web Portal Of Positive Journalism 

Nari Shakti Vandan Bill:लोकसभा के पश्चात्, सर्वसम्मति से राज्यसभा में पारित हुआ नारी शक्ति वंदन विधेयक, 33% महिला आरक्षण को मंजूरी

Share This Post

नई दिल्ली, (नेशनल थॉट्स )- “संसद के दोनों सदनों ने देश की नारी शक्ति का सम्मान करने के लिए ‘ Nari Shakti Vandan Bill’ को मंजूरी दे दी है।  Nari Shakti Vandan Bill के माध्यम से Lok Sabha और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को 33% आरक्षण प्रदान किया जाएगा।

मध्य रात्रि तक चली चर्चा के बाद विधेयक को पारित किया गया
128 वें संविधान संशोधन विधेयक को गुरुवार को राज्यसभा में मध्य रात्रि तक चली चर्चा के बाद पारित किया गया। इसके बाद राज्यसभा को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया।
राज्यसभा में किसी भी सदस्य ने विरोध नहीं किया
संविधान संशोधन के कारण, विधेयक को मत विभाजन के बाद अपनाया गया। विधेयक को सभी सदस्यों का समर्थन मिला और किसी भी सदस्य ने इसके खिलाफ मत नहीं दिया। इस तरह, विधेयक को पारित कराने के लिए दो तिहाई बहुमत मिल गया। विधेयक पर चर्चा में उच्च सदन के 72 सदस्यों ने भाग लिया।इससे पहले, लोकसभा ने इस विधेयक को पारित किया था
इससे पहले, लोकसभा ने बुधवार को इस विधेयक को पारित कर दिया था। राज्यसभा ने भी गुरुवार को महिलाओं के आरक्षण संबंधी ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम-2023’ पर अपनी मंजूरी दी।

अब विधेयक के साथ क्या होगा?
अब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हस्ताक्षर के बाद, यह विधेयक कानून बन जाएगा। इसके बाद इसे देश की 20 विधानसभाओं से भी मंजूरी दिलानी होगी।

Rajya Sabha में किसने प्रस्तुत किया इस Bill को?

केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) Arjun Ram Meghwal ने राज्यसभा में विधेयक को प्रस्तुत किया। विधेयक पर हुई चर्चा की शुरुआत करते हुए और जवाब देते हुए, मेघवाल ने कहा कि नीति, नियत और Prime Minister Narendra Modi  के नेतृत्व के कारण इस बार महिलाओं को आरक्षण मिलकर रहेगा। ‘आशंका मत करो, मोदी है तो मुमकिन है।’ मोदी सरकार शुरू से ही नारी सशक्तिकरण के पक्ष में रही है। विकसित भारत बनाने की दिशा में महिला सशक्तिकरण आवश्यक है। यह विधेयक इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

विधेयक पर चर्चा के अंत में Prime Minister Modi ने क्या कहा?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महिला आरक्षण विधेयक पर चर्चा के अंत में उच्च सदन से महिला आरक्षण विधेयक को सर्वसम्मति से पारित करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि विधेयक के पारित होने से राष्ट्र निर्माण में महिला नेतृत्व आगे आएगा और उज्जवल भविष्य की गारंटी बनेगा।

दोनों सदनों में कितने सांसदों ने चर्चा में भाग लिया?
उच्च सदन में विधेयक पर मतदान से पूर्व कहा गया कि दो दिनों में 162 सदस्यों ने दोनों सदनों में चर्चा में भाग लिया है। सभी सदस्यों और राजनीतिक दलों ने महिलाओं को सशक्त बनाने और ‘नारी शक्ति’ को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आइए देश को एक बड़ा संदेश दें। उन्होंने कहा कि यह सभी राजनीतिक दलों की सकारात्मक सोच को भी दर्शाता है जो महिला सशक्तिकरण को नई ऊर्जा देगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *