प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को महाराष्ट्र के जलगांव में ‘लखपति दीदी सम्मेलन’ में भाग लिया और 11 लाख नई लखपति दीदियों को सम्मानित किया। इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित किया और कई ‘लखपति दीदियों’ से बातचीत की। उन्होंने 2,500 करोड़ रुपये का एक रिवॉल्विंग फंड जारी किया, जिससे 4.3 लाख स्वयं सहायता समूहों के लगभग 48 लाख सदस्यों को लाभ होगा।
प्रधानमंत्री ने सम्मेलन में कहा, “आज यहां लखपति दीदी का महासम्मेलन हो रहा है। मेरी बहनें बड़ी संख्या में उपस्थित हैं। देशभर के लाखों सखी मंडलों के लिए 6 हजार करोड़ से अधिक की राशि जारी की गई है। मेरी सभी माताओं-बहनों को बहुत-बहुत शुभेच्छा।” उन्होंने महाराष्ट्र में माताओं, बहनों, युवाओं और किसानों के लिए चलाई जा रही योजनाओं की सराहना की और कहा कि लखपति दीदी बनाने का अभियान केवल महिलाओं की कमाई बढ़ाने का नहीं है, बल्कि पूरे परिवार और गांव के अर्थतंत्र को बदलने का भी है।
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने 3 करोड़ बहनों को लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य रखा था। अब तक एक करोड़ लखपति दीदी बन चुकी हैं और हाल ही में 11 लाख और लखपति दीदी जुड़ी हैं। उन्होंने पूर्व में महिलाओं को संपत्ति और बैंक लोन की कठिनाइयों का उल्लेख किया और मोदी सरकार द्वारा महिलाओं के हित में उठाए गए कदमों की जानकारी दी।
प्रधानमंत्री ने पोलैंड यात्रा का उल्लेख करते हुए कहा कि पोलैंड की राजधानी में कोल्हापुर मेमोरियल है, जो कोल्हापुर के लोगों की सेवा और सत्कार की भावना को सम्मानित करता है। उन्होंने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि मोदी सरकार ने स्वतंत्रता के बाद किसी भी सरकार से अधिक काम किया है।
उन्होंने अपनी सरकार द्वारा किए गए कामों का उल्लेख करते हुए बताया कि गरीबों के घर अब महिलाओं के नाम पर रजिस्टर्ड किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने बेटियों के लिए हर क्षेत्र में अवसर खोले हैं और आज बेटियां फाइटर पायलट से लेकर स्टार्टअप्स तक में प्रमुख भूमिकाएं निभा रही हैं।
प्रधानमंत्री ने अंत में बताया कि सवा लाख से अधिक बैंक सखियां गांव-गांव बैंकिंग सेवाएं प्रदान कर रही हैं और महिलाओं को ड्रोन पायलट बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि वे आधुनिक खेती में किसानों की मदद कर सकें।