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“बिजली क्षेत्र: भारत का अनमोल संसाधन

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केंद्रीय बिजली और नवीन तथा नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री आर के सिंह ने कहा है कि वर्तमान में और आगे वाले वर्षां में भारतीय अर्थव्यवस्था और बिजली सेक्टर की तेजी से बढ़ती हुई वृद्धि को देखते हुए भारत का बिजली क्षेत्र आने और इसमें निवेश करने की सबसे अच्छी जगह है। श्री सिंह ने 10 फरवरी, 2024 को नई दिल्ली में द टाइम्स समूह द्वारा आयोजित ईटी नाऊ ग्लोबल बिजनेस सम्मेलन के उद्घाटन सत्र ‘‘ द ग्लोबल एनर्जी एजेंडा  ए लुक अहेड इन शेपिंग टूमौरोज एनर्जी लैंडस्केप ‘‘ को संबोधित करते हुए कहा ‘‘ हमारी जितनी बड़ी और विशाल कोई भी दूसरी अर्थव्यवस्था नहीं है।

हमें आगे बढ़ने के लिए बिजली की आवश्यकता है। बिजली सृजन और उपभोग 2024-15 की तुलना में लगभग 60 प्रतिशत बढ़ गया है। प्रति व्यक्ति खपत भी लगभग इतनी ही बढ़ गई है। पिछले वर्ष की तुलना में, इसमें 8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसलिए,यह एक ऐसा सेक्टर है जो आपको लाभ पहुंचाएगा। मांग में निरंतर वृद्धि होती रहेगी और हमारी चुनौती यह सुनिश्चित करने की है कि आपूर्ति मांग के अनुरुप बनी रही। ‘‘

बिजली सेक्टर में आए रूपांतरण की चर्चा करते हुए बिजली मंत्री ने व्यवसाय समुदाय को कहा कि पहले बिजली क्षेत्र ने निवेश न करने का निर्णय लिया था। श्री सिंह ने कहा ‘‘ लेकिन अब, कोई भी दीर्घ अवधि के बिजली खरीद समझौतों पर हस्ताक्षर नहीं करना चाहता क्योंकि बाजार में तेजी है और यह अधिक लाभदायक है जिससे इस सेक्टर में निरंतर निवेश हो रहा है। ‘‘ उन्होंने कहा, ‘‘ अगर बिजली सेक्टर में इतनी तेजी से वृद्धि नहीं हुई होती तो हमारी अर्थव्यवस्था उतनी तेजी से आगे बढ़ने में सक्षम नहीं हुई होती, जितनी अब बढ़ रही है। ‘‘

श्री सिंह ने बताया कि सरकार ने बिजली आपूर्तिकर्ताओं के लिए स्वचालित भुगतान व्यवस्था के साथ प्रणाली को पारदर्शी बनाया है। उन्होंने कहा, ‘‘ पहले, हमारे पास लगभग 70 गीगावॉट बिजली क्षमता थी जो वित्तीय रूप से कमजोर थी। ऐसा इसलिए था क्योंकि राज्य सरकारें सब्सिडी की घोषणा तो कर देती थीं लेकिन उनका भुगतान नहीं करती थीं। कलेक्शन और बिलिंग क्षमताएं कम थीं। जेनको का बकाया लगभग 1.5 लाख करोड़ रुपये का था। बिजली आपूर्तिकर्ताओं को भुगतान 6-8 महीने की किस्तों में होता था। एटी एंड सी नुकसान लगभग 27 प्रतिशत था। एसीएस-एआरआर का अंतर लगभग एक रुपया था। ‘‘

बिजली और नवीन तथा नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री ने कहा कि सरकार ने इस क्षेत्र का रूपांतरण कर दिया है और यह निरंतर बढ़ता रहेगा। उन्होंने कहा, ‘‘ हम एटी एंड सी नुकसान को कम कर लगभग 15 प्रतिशत पर ले आए हैं और एसीएस-एआरआर का अंतर घट कर पिछले वर्ष 15 पैसे का रह गया। जेनको का लंबे समय से चला आ रहा बकाया कम होकर 42,000 करोड़ रुपये रह गया है और यह भी लगभग 7-8 महीनों में खत्म हो जाएगा जबकि वर्तमान बकाये का लगभग पूरा भुगतान किया जा चुका है। ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की औसत प्रतिदिन की उपलब्धता 2015 के 12.5 घंटों से बढ़ कर आज 22.5 घंटे तक पहुंच चुकी है। शहरी क्षेत्रों में, यह लगभग 23 घंटे है।

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