नई दिल्ली, (नेशनल थॉट्स ) – आज, यानी 23 सितंबर को मनाई जा रही है राधा अष्टमी। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस दिन भगवान श्री कृष्ण की प्रिय राधा रानी का जन्मोत्सव मनाया जाता है, जो भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर आता है। यह तिथि कृष्ण जन्माष्टमी के 15 दिन बाद आती है, और मथुरा, वृंदावन, और बरसाने जैसे स्थलों में धूमधाम से मनाई जाती है।
राधा अष्टमी के दिन महिलाएं घर में व्रत रखती हैं और राधा रानी की पूजा करती हैं, जिससे घर में सुख, शांति, और खुशहाली का आभूषण बनता है। राधा रानी भगवान श्री कृष्ण की प्रेयसी थी, और राधा-कृष्ण का प्रेम बहुत विशेष माना जाता है। इसलिए मान्यता है कि राधा का नाम जपने से भगवान श्री कृष्ण जल्दी प्रसन्न होते हैं। राधा अष्टमी के दिन व्रत रखने और राधा रानी के साथ कृष्ण जी की पूजा करने से घर में धन-धान्य के भंडार भरे रहते हैं, और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
राधा अष्टमी के दिन महिलाएं घर में व्रत रखती हैं और राधा रानी की पूजा करती हैं, जिससे घर में सुख, शांति, और खुशहाली का आभूषण बनता है। राधा रानी भगवान श्री कृष्ण की प्रेयसी थी, और राधा-कृष्ण का प्रेम बहुत विशेष माना जाता है। इसलिए मान्यता है कि राधा का नाम जपने से भगवान श्री कृष्ण जल्दी प्रसन्न होते हैं। राधा अष्टमी के दिन व्रत रखने और राधा रानी के साथ कृष्ण जी की पूजा करने से घर में धन-धान्य के भंडार भरे रहते हैं, और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
राधा अष्टमी के दिन व्रत का आयोजन करने के लिए आप निम्नलिखित पूजा विधि का पालन कर सकते हैं:
- प्रातः काल उठकर स्नान करें और साफ वस्त्र पहनें।
- एक तांबे या मिट्टी का कलश पूजन स्थल पर रखें और उसमें राधा जी की मूर्ति स्थापित करें।
- एक साफ चौकी पर लाल या पीले रंग का कपड़ा बिछाएं, उसके ऊपर राधा रानी की प्रतिमा स्थापित करें।
- पंचामृत से स्नान कराकर सुंदर वस्त्र पहनें और दोनों का श्रृंगार करें।
- फल, फूल, और मिष्ठान को पूजा करें, और फिर राधा कृष्ण के मंत्रों का जाप करें, कथा सुनें, और आरती गाएं।
- राधा अष्टमी का महत्व यह है कि इस दिन राधा के बिना कृष्ण जी की पूजा अधूरी मानी जाती है, और जो लोग कृष्ण जन्माष्टमी के व्रत करते हैं, उन्हें राधा अष्टमी पर भी व्रत रखना चाहिए। इस दिन व्रत और पूजन करने वालों को सभी सुखों की प्राप्ति होती है।
Radha Ashtami 2023 तिथि
पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि की शुरुआत 22 सितंबर 2023 को दोपहर 01 बजकर 35 मिनट पर हो रही है। अगले दिन 23 सितंबर 2023 को दोपहर 12 बजकर 17 मिनट पर इस तिथि का समापन होगा। उदया तिथि के आधार पर राधा अष्टमी का पर्व 23 सितंबर को है। इस दिन राधा रानी की पूजा दोपहर में की जाती है।
Radha Ashtami 2023 पूजा मुहूर्त
23 सितंबर को राधा अष्टमी वाले दिन राधा रानी की पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 01 मिनट से दोपहर 01 बजकर 26 मिनट तक है।
Radha Ashtami 2023 पूजा विधि
- राधा अष्टमी के दिन प्रातः काल जल्दी उठकर स्नान करें और साफ वस्त्र धारण करें।
- इसके बाद तांबे या मिट्टी का कलश पूजन स्थल पर रखें और एक तांबे के पात्र में राधा जी की मूर्ति स्थापित करें।
- एक साफ चौकी पर लाल या पीले रंग का कपड़ा बिछाएं। उसके ऊपर राधा रानी की प्रतिमा स्थापित करें।
- पंचामृत से स्नान कराकर सुंदर वस्त्र पहनाकर दोनों का श्रृंगार करें।
- फल-फूल और मिष्ठान अर्पित करें। इसके बाद राधा कृष्ण के मंत्रों का जाप करें, कथा सुनें।
- साथ ही राधा कृष्ण की आरती अवश्य गाएं।
Radha Ashtami का महत्व
मान्यता है कि राधा के बिना कृष्ण जी की पूजा अधूरी मानी गई है। जो लोग कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत रखते हैं, उन्हें राधा रानी के जन्मोत्सव यानी राधा अष्टमी पर भी व्रत रखना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि राधा अष्टमी के व्रत के बिना कृष्ण जन्माष्टमी के व्रत का पूरा फल प्राप्त नहीं होता है। इस दिन व्रत और पूजन करने वालों को सभी सुखों की प्राप्ति होती है।