भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) की अध्यक्ष माधवी बुच के खिलाफ अमेरिका की शोध एवं निवेश कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों को लेकर विपक्ष ने नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला तेज कर दिया है। इस बीच, भाजपा ने भी जोरदार पलटवार किया है। भाजपा के वरिष्ठ नेता और सांसद रविशंकर प्रसाद ने एक संवाददाता सम्मेलन में विपक्ष की मंशा पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि कांग्रेस, इंडी गठबंधन और टूलकिट के लोग भारत को आर्थिक रूप से अस्थिर करने की साजिश रच रहे हैं।
रविशंकर प्रसाद ने कहा, “हिंडनबर्ग की रिपोर्ट शनिवार को जारी होती है, और रविवार को हल्ला मचता है ताकि सोमवार को पूरे कैपिटल मार्केट को अस्थिर कर दिया जाए।” उन्होंने यह भी बताया कि SEBI ने सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में अपनी जांच पूरी करने के बाद जुलाई में हिंडनबर्ग के खिलाफ नोटिस जारी किया था, लेकिन इसके जवाब में हिंडनबर्ग ने बेबुनियाद आरोपों के साथ यह रिपोर्ट पेश की है।
प्रसाद ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि तीन बार चुनाव हारने के बाद कांग्रेस पार्टी और उसके सहयोगी दल मिलकर देश में आर्थिक अराजकता और अस्थिरता फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि जॉर्ज सोरोस, जो भारत के खिलाफ नियमित प्रोपेगेंडा चलाते हैं और मोदी सरकार को बदलना चाहते हैं, ने हिंडनबर्ग में निवेश किया है।
भाजपा नेता ने यह भी कहा कि “भारत के शेयर बाजार सुरक्षित, स्थिर और आशाजनक हैं। सेबी की कानूनी जिम्मेदारी है कि वह बाजार को सुचारू रूप से चलाए।” उन्होंने सवाल उठाया कि “टूलकिट वालों को भारत के विकास से कोई मतलब नहीं है, लेकिन कांग्रेस पार्टी को क्या हो गया है?”
इस बयान के माध्यम से भाजपा ने विपक्ष के उन आरोपों का जवाब दिया है, जिनमें मोदी सरकार पर हिंडनबर्ग रिपोर्ट के मुद्दे पर घेरने की कोशिश की जा रही थी।