भारतीय रेलवे द्वारा चलाई जा रही ट्रेनें देश के करोड़ों लोगों के लिए सुविधाजनक सफर का बड़ा साधन है। पर्व-त्योहारों के मौके पर ट्रेनों की टिकट के लिए जबरदस्त भीड़ देखी जाती है। त्योहारों के मध्यनजर लोग पहले से ही टिकट करा कर रखते हैं। इस साल 1 नवंबर को दीपावली है जबकि उसके बाद 7 और 8 नवंबर को पूर्वांचल और बिहार के सबसे बड़े महापर्व छठ का त्योहार आएगा। इसको लेकर ट्रेनों की टिकट की बिक्री शुरू कर दी गई है। हालांकि स्लॉट खुलने के साथ टिकट बुक करने बैठे लाखों लोगों को इससे वंचित रहना पड़ता है। स्टॉल खुलने के कुछ देर के भीतर तमाम टिकटों की बुकिंग हो गई।
कई लोगों का कहना है कि हमने आईआरसीटीसी की वेबसाइट भी समय पर खोल लिया था। इसके अलावा समय पर लॉगिन और अन्य प्रक्रियाओं को भी पूरा कर लिया गया। लेकिन जैसे ही पेमेंट के ऑप्शन पर गए, तब तक सीटें फुल हो चुकी थीं। हालांकि ऐसे कई लोग जिन्होंने इस दौरान टिकट के लिए एजेंट से संपर्क किया था, उनका काम शत प्रतिशत पूरा हो गया। इसी के बाद अब आईआरसीटीसी पर बड़ा आरोप लग रहा है। कई लोगों का कहना है कि पेमेंट ऑप्शन आने के बाद आईआरसीटीसी का ऐप आगे ही नहीं बढ़ता है। बार-बार एरर या इनवेलिड कैप्चा आ जाता है जिसकी वजह से टिकट की बुकिंग नहीं हो पाती और कुछ ही देर में टिकट या तो वेटिंग में आ जाता है या रिग्रेट दिखाई देने लगता है।
जिन लोगों को टिकट नहीं मिल पाया उनके लिए अब बस स्पेशल ट्रेनों का ही इंतजार है। छठ और दिवाली के समय ट्रेनों में जबरदस्त भीड़ होती है। बिहार और पूर्वांचल जाने वालों की संख्या लाखों में रहती है। छठ और दीपावली के मौके पर हर कोई अपने गांव घर जाना चाहता है। लेकिन टिकट नहीं मिलने की वजह से तमाम लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। लोग कई दिनों से टिकट का इंतजार भी करते हैं। लेकिन स्लॉट खुलने के साथ ही भर जाने पर उन्हें निराशा भी होती है। ऐसे में कुछ लोगों का आरोप है कि एजेंटों की ओर से इसमें धांधली की जाती है। दावा किया जा रहा है कि तमाम पाबंदियों के बाद भी एजेंट अभी भी रेलवे की सिस्टम को चकमा देने में कामयाब हो रहे हैं। एजेंटों की ओर से मनमर्जी कीमतों पर टिकट बेची जाती हैं। लोग मजबूरी में उन टिकट को खरीदते भी हैं। नए सॉफ्टवेयर के जरिए भी एजेंटों टिकट बुक करने में कोई परेशानी नहीं हो रही है। हालांकि आईआरसीटीसी ऐसा नहीं मानता। आईआरसीटीसी का कहना है कि एक स
ाथ हजारों की संख्या में लोग लॉगिन करते हैं जिसकी वजह से हैवी ट्रेफिक होती है और एरर या इनवेलिड कैप्चा आ जाता है। एजेंट की बात को रेलवे की ओर से खारिज की जाती है। रेलवे का कहना है कि पर्सनल आईडी से टिकट बुक कर बेचा नहीं जा सकता। यह पूरी तरीके से क्राइम है। रीजन चाहे जो हो लेकिन कहीं ना कहीं लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। रेलवे को इस पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है।