भारतीय रेल ने यात्रियों की जरूरतों को पूरा करने और अतिरिक्त स्थान प्रदान करने के लिए नई सेवाएं शुरू करने के साथ उनका विस्तार किया है, उनकी उपलब्धता और सवारी डिब्बों की संख्या में बढ़ोतरी की जाती है, जो परिचालन संबंधित व्यवहार्यता, संसाधनों की उपलब्धता, प्रतिस्पर्धी मांगों आदि के अधीन संचालित प्रक्रियाएं हैं। वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान आरंभिक आधार पर यात्रियों की संख्या 639 करोड़ है।
इसके अलावा त्यौहारों के मौसम और छुट्टियों आदि के दौरान यात्रियों की अतिरिक्त भीड़ की जरूरतों पूरा करने के लिए विशेष ट्रेनों का परिचालन व इनकी संख्या में अस्थायी बढ़ोतरी भी की जाती है।
भारतीय रेल ने स्टेशनों पर अधिक भीड़ के कारण होने वाली भगदड़ और दुर्घटनाओं को रोकने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए हैं:-
- भीड़ प्रबंधन के लिए रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के कर्मियों को वाणिज्यिक विभाग और राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) के साथ समन्वय से स्टेशनों व रेल परिसरों में तैनात किया गया है।
- आरपीएफ की ओर से त्यौहारों के मौसम के दौरान ट्रेनों के लगने से पहले प्लेटफार्म पर यात्रियों की कतार बनाकर अनारक्षित कोचों में यात्रियों के व्यवस्थित प्रवेश के लिए हरसंभव प्रयास किए जाते हैं।
- भीड़ नियंत्रण के लिए सार्वजनिक उद्घोषणा प्रणाली के माध्यम से बार-बार उद्घोषणा की जाती हैं।
- यात्रियों के आवागमन को व्यवस्थित करने के लिए जीआरपी के समन्वय से आरपीएफ कर्मियों द्वारा फुट ओवर ब्रिज, प्रवेश और निकास द्वारों, प्लेटफॉर्मों पर सुरक्षा प्रदान की जाती है।
- भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों की निगरानी और संभावित भीड़ के आवागमन की सूचना स्टेशन परिसर में तैनात कर्मियों को देने के लिए क्लोज्ड सर्किट टेलिविजन (सीसीटीवी) निगरानी कमरों में प्रशिक्षित रेल सुरक्षा बल के कर्मियों की तैनाती की गई है।
- रेलवे सुरक्षा विशेष बल (आरपीएसएफ) बटालियनों से सुरक्षा कर्मियों की अतिरिक्त जनशक्ति उपलब्ध कराई जाती है।
- सादे कपड़ों में कर्मियों को तैनात कर आपराधिक गतिविधियों पर निगरानी और सतर्कता सुनिश्चित की जाती है।