आलवर के खेड़ली कस्बे के सहजपुर गांव में स्थित भोले बाबा का आश्रम एक भव्य स्थल है, जिसे नारायण साकार हरि के नाम से भी जाना जाता है। हाल ही में हाथरस में हुई जानलेवा घटना के बाद इस आश्रम के बारे में विवाद उठा है, जिसमें प्रवेश और दृश्य से जुड़े कई मुद्दे समाहित हैं। यहां आश्रम की ऊँची दीवारों से घिरी जमीन पर विशाल संरचना स्थित है, जिसमें आधुनिक सुविधाएं और वातानुकूलित कमरे शामिल हैं।
स्थानीय ग्रामीणों के मुताबिक, यहां केवल महिला भक्तों को ही अंदर जाने की अनुमति है, जबकि पुरुष और स्थानीय निवासियों का प्रवेश सख्त वर्जित है। आश्रम के कर्मचारियों द्वारा इस नियम का पालन सुनिश्चित किया जाता है, जिससे इसे विवादों से घिरा होना पड़ता है। आश्रम के अंदरीय क्षेत्र में भोले बाबा की उपस्थिति के दौरान की गई घटनाओं पर भी विवाद है, और गांव के स्थानीय नेताओं ने इसे खुलासा किया है।
आश्रम के प्रतिनिधियों द्वारा कहा गया है कि उन घटनाओं को आशीर्वाद के रूप में ठहराया जाता है, जो प्रवेश निषेध या उसके खिलाफ प्रयास कर रहे भक्तों के बीच में हुए। यहां के ग्रामीण निवासी इस आश्रम के बारे में विभिन्न राय रखते हैं, जहां वे भोले बाबा को एक प्रतिष्ठित और पूज्य व्यक्ति मानते हैं, जबकि कुछ अन्य इसे विवादास्पद मानते हैं।