एक बार एक लोमड़ी थी। एक दिन वह बहुत भूखी थी । वह भोजन की तलाश में इधर-उधर भटक रही थी। वह अंगूरों के एक बगीचे में गई। उसने पके हुए और मीठे अंगूरों का एक गुच्छा देखा। वह प्रसन्न हुई। वह उन्हें खाना चाहती थी। किन्तु गुच्छा ऊँचा था। लोमड़ी उन तक नहीं पहुँच सकी। वह इसकी ओर बार-बार कूदी। वह थक गई । वह उनको नहीं पकड़ सकी। वह चली गई। उसने कहा, “अंगूर खट्टे हैं।” वह बहुत दुःखी हुई।