यौवनं धन सम्पत्ति:
प्रभुत्वम् अविवेकता l
एकैकमपि विनाशाय
किमु यत्र चतुष्टयम् llयौवन, धन -सम्पत्ति, प्रभुत्व (सत्ता) और अविवेकता (मूर्खता).. इन चारों में से एक बात भी मनुष्य का विनाश कर सकती है और यदि ये चारों इकट्ठा हो जायें तो फिर क्या देखना? अतः सावधानी रखनी चाहिये।
Youth, wealth, dominance (power) and indiscretion (foolishness).. even one of these four things can destroy a man and if all four come together then what to see? That’s why care should be taken.