नई दिल्ली (नेशनल थॉट्स) : इस वर्ष हरियाली तीज आज 19 अगस्त को मनाया जा रहा है। हरियाली तीज के मौके पर शिव मंदिरों के दर्शन के लिए जा सकते हैं। यहां भारत के कुछ प्राचीन और अद्भुत शिव मंदिरों के बारे में बताया जा रहा है।
काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग, बनारस
बनारस में गंगा नदी के पश्चिम घाट पर सातवें ज्योतिर्लिंग काशी विश्वनाथ का मंदिर है। मान्यता है कि यह शहर शिव जी के त्रिशूल पर टिका है। हरियाली तीज या नागपंचमी के मौके पर काशी विश्वनाथ मंदिर में काफी भीड़ हो सकती है।
बनारस में गंगा नदी के पश्चिम घाट पर सातवें ज्योतिर्लिंग काशी विश्वनाथ का मंदिर है। मान्यता है कि यह शहर शिव जी के त्रिशूल पर टिका है। हरियाली तीज या नागपंचमी के मौके पर काशी विश्वनाथ मंदिर में काफी भीड़ हो सकती है।
जटोली मंदिर, सोलन
एशिया के सबसे ऊंचे शिव मंदिर के दर्शन के लिए जा सकते हैं। यह मंदिर हिमाचल प्रदेश के सोलन शहर से करीब सात किलोमीटर दूर है। एशिया के सबसे ऊंचे शिव मंदिर का नाम जटोली मंदिर है। मंदिर को दक्षिण द्रविड़ शैली से बनाया गया है।
एशिया के सबसे ऊंचे शिव मंदिर के दर्शन के लिए जा सकते हैं। यह मंदिर हिमाचल प्रदेश के सोलन शहर से करीब सात किलोमीटर दूर है। एशिया के सबसे ऊंचे शिव मंदिर का नाम जटोली मंदिर है। मंदिर को दक्षिण द्रविड़ शैली से बनाया गया है।
तुंगनाथ मंदिर, गढ़वाल
दुनिया का सबसे ऊंचा शिव मंदिर तुंगनाथ मंदिर है, जो कि उत्तराखंड के गढ़वाल के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है। महादेव के पंच केदारों में से एक यह मंदिर चारों ओर से बर्फ से ढका रहता है।
दुनिया का सबसे ऊंचा शिव मंदिर तुंगनाथ मंदिर है, जो कि उत्तराखंड के गढ़वाल के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है। महादेव के पंच केदारों में से एक यह मंदिर चारों ओर से बर्फ से ढका रहता है।
शंगचुल महादेव मंदिर , कुल्लू
हिमाचल प्रदेश के कुल्लू के शांघड़ गांव में एक प्राचीन शिव मंदिर है, जो शंगचुल महादेव के नाम से मशहूर है। मान्यता है कि यहां समाज और परिवार से स्वीकृत न मिलने पर आने वाले प्रेमियों को आसरा दिया जाता है और मेहमान समझ कर उनका स्वागत होता है।
हिमाचल प्रदेश के कुल्लू के शांघड़ गांव में एक प्राचीन शिव मंदिर है, जो शंगचुल महादेव के नाम से मशहूर है। मान्यता है कि यहां समाज और परिवार से स्वीकृत न मिलने पर आने वाले प्रेमियों को आसरा दिया जाता है और मेहमान समझ कर उनका स्वागत होता है।