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What are the diseases that become common in the rainy season, know the diseases, causes and prevention

बरसात के मौसम में कौन -कौन सी बीमारियां हैं जो आम हो जाती हैं

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बरसात के मौसम में कैन-कौन सी बीमारियां हैं जो आम हो जाती हैं, जानें बीमारियां, कारण और निवारण

1 कोल्ड और फ्लू- बरसात के मौसम में वातावरण में कई बैक्टीरिया और वायरस जिंदा रहते हैं. जो नाक, मुंह या आंखों के रास्ते हमारे शरीर में प्रवेश कर जाते हैं और शरीर को बीमार कर देते हैं. इसके कारण सर्दी-जुकाम, खांसी, बुखार जैसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है.
2 हैजा– विब्रियो कोलेरी नामक जीवाणु से दूषित भोजन या पानी का सेवन करने से हैजा की समस्या हो सकती है. इसके कारण शरीर में डायरिया के लक्षण दिखने लगते हैं और आपको दस्त, पैरों में अकड़न और उल्टी की समस्या हो सकती है.
लेप्टोस्पायरोसिस– यह बीमारी मॉनसून (मानसून) के दौरान काफी बढ़ जाती है. 2013 के दौरान भारत में इसके मामले देखे गए थे. जानवरों के यूरिन व स्टूल में लेप्टोस्पाइरा नामक बैक्टीरिया होने के कारण यह बीमारी होती है. जो कि जानवरों के संक्रमित यूरिन-स्टूल के संपर्क में आने से इंसानों या दूसरे जानवरों में फैल सकती है. इस बीमारी में भूख में कमी, पीठ के निचले हिस्से में दर्द, खांसी आदि मुख्य लक्षण शामिल होते हैं.
4 हेपेटाइटिस ए– हैजा की तरह हेपेटाइटिस भी दूषित पानी या खाने के सेवन से होता है. इस बीमारी के कारण लिवर सबसे ज्यादा प्रभावित होता है. इसमें बुखार, उल्टी आदि समस्याएं होने लगती हैं.
5 टाइफाइड- टाइफाइड बुखार के मामले बारिश के मौसम में बढ़ जाते हैं. जो कि साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया के कारण होता है. इस बीमारी के कारण शरीर में सिरदर्द, बुखार, भूख में कमी, कब्ज, दस्त आदि समस्याएं हो सकती हैं.

6 मलेरिया – यह संक्रमण भी मच्छर के काटने से होता है। घर के आप पास पानी के जमाव में मलेरिया के मच्छर पनपते हैं, जो इस बीमारी का मुख्य कारण भी है। मलेरिया के लक्षणों में तेज बुखार, ठंड लगना, कंपकंपी, जरूरत से ज्यादा पसीना आना और गंभीर एनीमिया जैसे लक्षण शामिल हैं। बीमारी का अगर इलाज समय पर न किया जाए, तो इससे सेरेब्रल मलेरिया हो सकता है, जो एक जानलेवा स्थिति है। इसके साथ दौरे पड़ना, किडनी फेलियर, जॉन्डिस और सांस से जुड़ी बीमारियां भी हो सकती हैं।

7 डेंगू – बारिश के मौसम में डेंगू बुखार सबसे आम रहता है, भारत में हजारों लोग इस बीमारी के चलते अपनी जान गंवा बैठते हैं। यह बीमारी मादा एडीज़ मच्छर के काटने से फैलती है, जो आमतौर पर दिन के समय या सूरज ढलने से पहले काटता है। तेज बुखार के साथ बदन दर्द डेंगू के आम लक्षण हैं। डेंगू के गंभीर मामलों में मरीज की सांसें फूलती हैं, प्लेटलेट्स काउंट का कम हो जाना जैसे लक्षण जानलेवा भी साबित हो सकते हैं।

चिकनगुनिया – चिकनगुनिया मच्छरों से होने वाली बीमारी है, जो रुके हुए पानी में पनपते हैं। चिकनगुनिया टाइगर एडीज एल्बोपिक्टस मच्छर के कारण फैलता है। इसके लक्षण संक्रमित मच्छर के काटने के 3 से 7 दिनों के बाद नजर आते हैं। जिसमें बुखार, शरीर और जोड़ों में दर्द शामिल है।

इन्फ्लूएंजा- उमस बढ़ने और तापमान में बदलाव आने से इन्फ्लूएंजा के मामले भी बढ़ने लगते हैं। यह संक्रमण तेजी से फैलने वाला होता है, जिसमें बुखार, मांसपेशियों में दर्द, गले में खराश, नाक बंद होना, सूखी और लगातार खांसी होने जैसे लक्षण दिखते हैं।

बारिश के मौसम में होने वाली खतरनाक बीमारियों से कैसे बचें

स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो मानसून और बीमारियों का रिश्ता पुराना है। फिर भी इन बीमारियों के कारण और निवारण को जान लेना जरूरी है ताकि आप बीमार पड़ने से बच सकें।

  • अपने आसपास स्वच्छता का ध्यान रखें।
  • छींकते या खांसते समय हमेशा मुंह और नाक को ढकें।
  • घर के आसपास पानी का जमाव न होने दें।
  • दिन में कई बार हाथों को धोएं।
  • बाहर का खाना न खाएं, मुख्य रूप से सड़क के ठेलों से।
  • पानी को फिल्टर या उबाल कर ही पिएं।
  • अपनी इम्यूनिटी को बढ़ाएं।

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