You Must Grow
India Must Grow

NATIONAL THOUGHTS

A Web Portal Of Positive Journalism 

जब लड़की पढ़ेगी

Share This Post

जब लड़की पढ़ेगी

तानिया
चोरसौ, उत्तराखंड
लड़के को तो मिल जाती है उच्च शिक्षा,
लड़की को क्यों नहीं मिलती वही शिक्षा?
क्या सिर्फ इसलिए कि वो लड़की है?
वो कुछ नहीं कर सकती है?
इसी सोच ने समाज को तोड़ा है,
लड़की को शिक्षा पाने से रोका है,
क्यों बोल दिया जाता है?
जाना तो तुम्हें पराए घर है,
अरे ! उनकी भी तो एक दुनिया है,
कुछ करने की, अपनी मंजिल पाने की,
अपने सपनों को साकार करने की,
मत भूलो जब एक लड़की पढ़ती है,
समाज में शिक्षा की लौ जलती है,
मत रोको लड़की को पढ़ने से,

शिक्षा का हक़ उसको पाने से।।

चरखा फीचर

——————————————————————————————————

बूंद-बूंद पानी का

संजना गढ़िया
पोथिंग, उत्तराखंड

कभी बूंद-बूंद बनकर गिरता है पानी,
कभी बर्फ बनकर गिरता है पानी,
टप टप टप टप करता है पानी,
झर झर झर झर बहता है पानी,
सबकी प्यास बुझाता है पानी,
पर्वतों से निकल कर,
नदियों में बहता है पानी,
अंत में सागर से मिल जाता है पानी,
बारिश बनकर लौट आता है पानी,
फिर बूंद बूंद बन कर गिर जाता है पानी।।

चरखा फीचर
———————————————————————————————————-

मैं खुद के लिए काफी हूं

 

प्रियंका साहू

मुज़फ़्फ़रपुर, बिहार


मैं खुद के लिए काफी हूं,
नहीं चाहिए मुझे,
किसी की दोस्ती,
किसी का प्यार,
नहीं चाहिए मुझे,
किसी की हमदर्दी,
किसी का साथ,
मुझे तो बस चाहिए,
एक पंख जो ले जाए,
मुझे मेरे सपनों के संग,

जिसे देख दुनिया रह जाए दंग

मैं खुद के लिए काफी हूं,
फर्क नहीं पड़ता मुझे,
लोगों के तानों का,
उनकी बातों का,
मुझे फर्क पड़ता है,
मेरे सुनहरे सपनों का,
मुझसे दूर जाने का,

मैं खुद के लिए काफी हूं,
नहीं चाहिए मुझे माता-पिता,
और भाई से बहुत सारे पैसे,
मुझे तो चाहिए बस इतना कि,
वे रखें मेरे सर पर हाथ,
और रहें हरदम मेरे साथ,
उन सपनों को पाने तक,

लक्ष्यों को भेद जाने तक।।

 

चरखा फीचर

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *