नई दिल्ली – मुख्यमंत्री नीतीश कुमार वर्ष 2000 में सात दिन के लिए मुख्यमंत्री रह सके थे। तब इसी तरह के बहुमत परीक्षण में वह हार गए थे। इस बार वैसी परिस्थिति बनती है या खेला का सारा दावा हवा-हवाई रह जाता है- यह देखना दिलचस्प होगा। यह मुकाबला दो दिन से ज्यादा दिलचस्प हो चुका था। परिणाम, यानी फ्लोर टेस्ट से एक दिन पहले जमकर नाटक भी हुआ
पूर्व उपमुख्यमंत्री और सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि विधानसभा में एकजुट एनडीए बहुमत सिद्ध करेगा और “खेला होने का” झूठ तार-तार हो जाएगा। उन्होंने कहा कि जिस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए लोकसभा चुनाव में 400 पार का लक्ष्य पाकर तीसरी बार सरकार बनाने के आत्मविश्वास से भरा है, उस समय बिहार में एनडीए का कोई भी विधायक विपक्ष की डूबती नाव पर क्यों सवार होना चाहेगा?
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सभी जदयू विधायकों को लेकर विधानसभा पहुंचे। उन्होंने हाथ जोड़ कर सभी का अभिनंदन किया। इसके बाद उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा समेत सभी भाजपा विधायक भी विधानसभा पहुंचे। भाजपा विधायकों ने विक्ट्री का साइन दिखाया। वह दावा कर रहे हैं फ्लोर टेस्ट में एनडीए बहुमत साबित कर देगी।
विधानसभा में जदयू एमएलसी और मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि मेला लगेगा, एनडीए के पक्ष में बहुमत सिद्ध होगा और सर्वोच्य न्यायालय के आदेश का गलत तरीके से व्याख्या करने का आरोप लगेगा। स्पीकर के खिलाफ जैसे ही विश्वास प्रस्ताव आएगा, उनको चैयर छोड़ा होगा। डिप्टी स्पीकर अध्यक्षता करेंगे। सर्वोच्च न्यायलय का आदेश है कि जब विधानसभा अध्यक्ष को हटाने का प्रस्ताव जब विचाराधीन हो, तबतक वह अध्यक्षता नहीं करते हैं। उनकी जगह डिप्टी स्पीकर अध्यक्षता करेंगे।