जम्मू-कश्मीर के चुनावी रण में आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की एंट्री होने जा रही है, जिससे राज्य का सियासी पारा चढ़ गया है। योगी आदित्यनाथ हिंदू बहुल क्षेत्रों में प्रचार करेंगे, और इस दौरान यह सवाल उठता है कि उनकी एंट्री से विपक्ष में हलचल क्यों तेज हो गई है।
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह पहला दौरा है, जिसमें वे विधानसभा चुनाव में रैलियों को संबोधित करेंगे। योगी के प्रचार से बीजेपी को कितना फायदा होगा, यह देखना दिलचस्प होगा। क्या वे कांग्रेस, नेशनल कॉन्फ्रेंस या महबूबा मुफ्ती पर निशाना साधेंगे?
26 सितंबर को योगी की रैलियां जम्मू और सांबा जिलों के जौरियन, आरएस पुरा, मढ़ और गुडवाल (रामगढ़) विधानसभा क्षेत्रों में निर्धारित हैं। इससे पहले, लोकसभा चुनाव के दौरान आदित्यनाथ ने कठुआ में प्रचार किया था।
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में 26 सीटों के लिए 56 प्रतिशत से अधिक मतदाताओं ने मताधिकार का प्रयोग किया। अधिकारियों ने बताया कि मतदान कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था के बीच शांतिपूर्ण रहा। सुबह से ही मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की लंबी कतारें देखी गईं, लेकिन इनमें से 20 क्षेत्रों में 2014 के विधानसभा चुनावों की तुलना में थोड़ा कम मतदान हुआ।
पहले चरण में 18 सितंबर को करीब 61.38 प्रतिशत मतदान हुआ था, जबकि अंतिम चरण का मतदान एक अक्टूबर को होगा। जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव 10 वर्षों के बाद हो रहे हैं। मुख्य निर्वाचन अधिकारी पी के पोले ने बताया कि दूसरे चरण में 56.05 प्रतिशत मतदान हुआ, और अंतिम परिणाम आने तक मतदान प्रतिशत में बदलाव हो सकता है।
योगी आदित्यनाथ की एंट्री से जम्मू-कश्मीर की राजनीतिक जमीन पर क्या बदलाव आएगा, यह तो समय बताएगा, लेकिन उनकी मौजूदगी ने चुनावी माहौल को और भी गर्म कर दिया है।