भाजपा विधायक टेकचंद सावरकर के एक विवादास्पद बयान के बाद महाराष्ट्र सरकार की ‘लाडली बहन योजना’ को लेकर नई चर्चाएँ शुरू हो गई हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि यह योजना आगामी राज्य विधानसभा चुनावों में वोट हासिल करने के लिए शुरू की गई है।
लाडली बहन योजना का उद्देश्य महिलाओं, विशेष रूप से आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों की महिलाओं की सहायता करना है। यह योजना जून के अंत में राज्य के बजट में पेश की गई थी, जिसके तहत 21 से 65 वर्ष की वंचित महिलाओं को हर महीने 1,500 रुपये दिए जाएंगे।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस योजना को 30 सितंबर तक बढ़ाने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि इस योजना को कोई नहीं रोक सकता और विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि वे चुनाव के बाद अपने वादे भूल जाते हैं। उन्होंने योजना की सफलता पर गर्व जताया।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में नागपुर के कामठी विधानसभा क्षेत्र के विधायक टेकचंद सावरकर को यह कहते हुए सुना जा सकता है, “हमने इतना बड़ा भांगड़ क्यों किया? ऐसा इसलिए था कि जिस दिन चुनाव की पेटी आपके घर के सामने आएगी, मेरी यह लाडली बहन ‘कमल’ (भाजपा का प्रतीक) पर वोट देगी। इसके लिए हमने यह जुगाड़ किया।”
सावरकर का यह बयान महायुति सरकार के लिए मुसीबत खड़ी कर सकता है, क्योंकि वे चुनाव से ठीक पहले कई योजनाएं शुरू कर रहे हैं। यह बयान इस बात को भी उजागर करता है कि महायुति को मतों की कमी का सामना करना पड़ रहा है।
इस विवाद ने महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मचा दी है, और अब देखना होगा कि भाजपा इस विवाद को कैसे संभालती है।