वस्त्र मंत्रालय द्वारा आयोजित चिंतन शिविर के दौरान अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ बातचीत करते हुए श्री गोयल ने कपड़ा क्षेत्र को और अधिक जीवंत बनाने के लिए समग्र दृष्टिकोण अपनाने पर जोर दिया ताकि वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए इसे तैयार किया जा सके। उन्होंने अधिकारियों से इनोवेटिव आइडिया सोचने को कहा और बेहतर सेवा वितरण के लिए संस्थागत ढांचे को सुव्यवस्थित करने के महत्व के बारे में बताया।
वस्त्र मंत्रालय ने इस क्षेत्र से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर विचार-मंथन के लिए 18 जुलाई को चिंतन शिविर का आयोजन किया।
इस सत्र का उद्घाटन केंद्रीय वस्त्र राज्य मंत्री श्रीमती दर्शना जरदोश ने किया। उन्होंने देश के आर्थिक विकास में कपड़ा क्षेत्र के महत्व पर बात की और इस वैल्यू चेन में शामिल सभी क्षेत्रों में विकास को बढ़ावा देने पर सामूहिक रूप से ध्यान केंद्रित करने की ज़रूरत बतलाई।
उन्होंने उल्लेख किया कि यह चिंतन शिविर इस क्षेत्र से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों पर सामूहिक रूप से विचार-विमर्श करने और समाधान खोजने का एक मंच है। इससे वस्त्र मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले सभी कार्यालयों के बीच बेहतर समझ और समन्वय को बढ़ावा देने में भी मदद मिलेगी।
दिन भर चले इस चिंतन शिविर में वस्त्र मंत्रालय के साथ-साथ देश भर के क्षेत्रीय कार्यालयों के अधिकारियों ने भाग लिया।
इस दौरान पांच थीम पर समूहों के विचार-मंथन सत्र आयोजित किए गए। ये थीम रहीं – निर्यात को बढ़ावा देना, साइज़ और स्केल पर निवेश निर्माण, सस्टैनेबिलिटी, प्राकृतिक से मानव निर्मित फाइबर की ओर तथा सेवा वितरण में सुधार। संबंधित समूहों द्वारा विशिष्ट सुझाव और समस्याओं के समाधान देते हुए विस्तृत प्रस्तुतियां दी गईं। क्षमता निर्माण आयोग के प्रतिनिधियों द्वारा आयोजित टीम बिल्डिंग सत्र ने प्रतिभागियों के बीच संचार और बातचीत बढ़ाने का मौका भी प्रदान किया।
लाइफस्टाइल कोच और प्रेरक वक्ता श्री गौर गोपाल दास और कामा आयुर्वेद के सीईओ तथा सह-संस्थापक श्री विवेक साहनी ने प्रतिभागियों को संबोधित किया और अपने दृष्टिकोण तथा अनुभव साझा किए।