नई दिल्ली(नेशनल थॉट्स)- केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार ने ”संस्थानों की सीमाओं से परे मानसिक स्वास्थ्य”विषय पर एक राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस अवसर पर एनएचआरसी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा भी उपस्थित थे।
सम्मेलन का उद्देश्य मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल और समाधान पर चर्चा
सम्मेलन का उद्देश्य मानसिक स्वास्थ्य देखभाल अधिनियम, 2017 के कार्यान्वयन में चुनौतियों पर चर्चा करना और मानसिक स्वास्थ्य मुद्दों के समाधान पर आगे बढ़ने के तरीके पर विचार-विमर्श करना है। डॉ. पवार ने कहा कि “मानसिक स्वास्थ्य हमारे स्वास्थ्य का एक अभिन्न अंग है क्योंकि यह हमारे जीवन के सभी पहलुओं को प्रभावित करता है।” मानसिक स्वास्थ्य के महत्व को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि “इस लांछन को दूर करना अत्यंत महत्वपूर्ण है जो जरूरतमंदों को आवश्यक सहायता प्राप्त करने से रोकता है।”
सरकार मानसिक विकारों के किफायती उपचार को बढ़ावा दे रही है
मानसिक स्वास्थ्य की चुनौतियों के समाधान और मानसिक स्वास्थ्य देखभाल अधिनियम, 2017 के महत्व को रेखांकित करते हुए डॉ. पवार ने कहा कि “केंद्र सरकार सामान्य मानसिक विकारों के किफायती उपचार की उपलब्धता और पहुंच को बढ़ावा दे रही है।
मानसिक स्वास्थ्य देखभाल पर रिपोर्ट भी हुई जारी
कार्यक्रम के दौरान, गणमान्य व्यक्तियों द्वारा ‘मानसिक स्वास्थ्य: सभी के लिए चिंता – मानसिक स्वास्थ्य देखभाल अधिनियम, 2017 के संदर्भ में‘ नामक पुस्तक और ‘मानसिक स्वास्थ्य देखभाल अधिनियम, 2017 के कार्यान्वयन की स्थिति‘ पर एक रिपोर्ट भी जारी की गई।
ये गणमान्य लोग रहे उपस्थित
इस अवसर पर एनएचआरसी के महासचिव भरत लाल, राजीव जैन, डॉ डी एम मुले, पूर्व सदस्य न्यायमूर्ति एम एम कुमार, संयुक्त सचिव डी.के निम, गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय तथा एनएचआरसी के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।