भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भोपाल में बाल संरक्षण, बाल सुरक्षा और बाल कल्याण पर दूसरे एक दिवसीय क्षेत्रीय परिचर्चा का आयोजन किया। इसमें तीन राज्यों मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान ने भाग लिया।
परिचर्चा में बाल कल्याण समितियों (सीडब्ल्यूसी), किशोर न्याय बोर्ड (जेजेबी), ग्राम बाल संरक्षण समिति (वीसीपीसी) के सदस्यों और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के 1500 से अधिक प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।
यह कार्यक्रम बाल संरक्षण, बाल सुरक्षा और बाल कल्याण मुद्दों के बारे में जागरूकता और लोक संपर्क बढ़ाने के लिए देश भर में आयोजित होने वाली क्षेत्रीय परिचर्चाओं की श्रृंखला का हिस्सा है।
परिचर्चा में भारत सरकार की केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती स्मृति जूबिन इरानी, महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री डॉ. मुंजपरा महेन्द्रभाई, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के अपर सचिव श्री संजीव कुमार चड्ढा और राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के अध्यक्ष श्री प्रियांक कानूनगो ने हिस्सा लिया।
इस कार्यक्रम का फोकस किशोर न्याय अधिनियम, नियमावली में संशोधन पर था। गोद लेने की प्रक्रियाओं पर इसके प्रभाव को संभावित दत्तक माता-पिता, जिन्हें सितम्बर, 2022 में संशोधन के बाद त्वरित प्रस्ताव प्राप्त हुआ था, द्वारा साझा किए गए अनुभव में रेखांकित किया गया।