नई दिल्ली (नेशनल थॉट्स) : प्रधानमंत्री ने कहा कि सबका साथ, सबका विश्वास हमारे लिए एक नारा ही नहीं है बल्कि यह विश्वास का प्रतीक है और एक प्रतिबद्धता है। उन्होंने कहा, “मैं देश की जनता को विश्वास दिलाता हूं कि शरीर का कण-कण और क्षण-क्षण देशवासियों की सेवा में समर्पित करूंगा।”
प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि संसद किसी पार्टी का मंच नहीं है। संसद देश के लिए श्रद्धेय सर्वोच्च संस्था है। इसलिए यह जरूरी है कि सांसद इसके प्रति कुछ हद तक गंभीरता रखें। उन्होंने कहा कि यहां बहुत सारे संसाधन समर्पित किए जा रहे हैं और यहां पर काम-काज के एक-एक सेकंड का उपयोग देश के लाभ के लिए होना चाहिए। श्री मोदी ने कहा कि गंभीरता की कमी से कोई राजनीति तो कर सकता है लेकिन देश नहीं चला सकता।
- प्रधानमंत्री ने लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव का उत्तर दिया
- “मैं भारत के प्रत्येक नागरिक द्वारा हमारी सरकार पर बार-बार भरोसा जताने के लिए उनके प्रति कोटि-कोटि आभार व्यक्त करने आया हूं।”
- “कई प्रमुख विधेयकों पर उस तरह की चर्चा नहीं हो पाई जिस तरह की उनसे अपेक्षा की गई थी, क्योंकि विपक्ष ने राजनीति को उनसे ऊपर ही रखा”
- “21वीं सदी का यह समय काल देश पर अगले हजार वर्षों तक प्रभाव डालेगा। हम सभी के ध्यान में एक ही केंद्र बिंदु होना चाहिए”
- “हमने भारत के युवाओं को घोटालों से मुक्त सरकार दी है”
- “आज निर्धन के मन में भी अपने सपनों को पूरा करने का विश्वास पैदा हुआ है”
- “विपक्ष भारत के लोगों का सामर्थ्य नहीं देख पा रहा है क्योंकि वह अविश्वास में डूबा हुआ है”
- “2028 में जब आप अविश्वास प्रस्ताव लेकर आएंगे तो भारत शीर्ष 3 देशों में शामिल होगा”
- “विपक्ष नाम बदलने में विश्वास रखता है लेकिन वह अपनी कार्य संस्कृति नहीं बदल सकता”
- “स्वतंत्रता सेनानियों और देश के संस्थापकों ने हमेशा से वंशवाद की राजनीति का विरोध किया था”
- “महिलाओं के खिलाफ अपराध अस्वीकार्य हैं और केंद्र तथा राज्य सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए कार्य करेंगी कि दोषियों को सजा अवश्य मिले”
- “मणिपुर में शांति स्थापित होगी और राज्य विकास के पथ पर आगे बढ़ेगा”
- “मैं मणिपुर के लोगों को, मणिपुर की माताओं एवं बेटियों को विश्वास दिलाता हूं कि देश आपके साथ है और पूरा सदन आपके साथ खड़ा है”
- “मणिपुर विकास की पटरी पर वापस लौट कर आएगा और सरकार इसके लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगी”
- “हमारी सरकार ने पूर्वोत्तर के विकास को पहली प्राथमिकता दी है”
- “सबका साथ, सबका विश्वास हमारे लिए एक नारा ही नहीं है बल्कि यह विश्वास का प्रतीक है और एक प्रतिबद्धता है”
- “संसद किसी पार्टी का मंच नहीं है। संसद देश के लिए श्रद्धेय सर्वोच्च संस्था है। यहां पर काम-काज के एक-एक सेकंड का उपयोग देश के लाभ के लिए होना चाहिए”
- “आज का हर भारतीय विश्वास से भरा हुआ है। आज का भारत न झुकता है, न थकता है और न रुकता है”